बेतिया में दूसरी बेटी होने पर भी मना जश्न, नन्ही परी का हुआ स्वागत, सजी-धजी कार से जच्चा और बच्चा आए घर

Patna Desk

NEWSPR डेस्क (टीशा स्वर्णकार)। बेटा होने पर जहां लड्डू और मिठाईयां बांटकर खुशियां मनाई जाती है तो वहीं अब बेटियों का भी उसी उल्लास और प्रश्नता के साथ स्वागत किया जा रहा है। पहले बेटी जहां शरमिंदा की प्रतीक थी तो अब वही बेटी गर्व का प्रतीक है।

बेटी होने पर मना जश्न:

बेतिया के चपरिया गांव में शेषनाथ कुमार की पत्नी मैनांटाड़ PHC मे भर्ती थी। गुरुवार के रात को उनके यहां बेटी ने जन्म लिया। ये खुशखबरी मिलते ही परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रात से ही उनके परिवार वाले सगे संबंधियों को मिठाई बांटना शुरू कर दिए। बाद में उसके पिता सजी-धजी कार लेकर बेटी को लेने अस्पताल पहुंचे।

सजी हुई कार से घर पहुंची नन्ही परी

जच्चा और बच्चा दोनों की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद बच्ची को लेने के लिए उसके पिता कार से अस्पताल पहुंचे। वहीं परिवार के बुजुर्ग भी स्वागत के लिए अस्पताल पहुंचे। फिर आरती उतारकर माँ और बेटी का गृह प्रवेश कराया गया।

बेटा-बेटी एक समान

जहां आज भी कई परिवार बेटी होना अशुभ मानते हैं तो वही शेषनाथ का कहना है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है। पहले से ही उनकी एक बेटी है और अब दो हो गई। बच्चे दो ही अच्छे लगते हैं। आज बेटियां कही पीछे नहीं है, सिर्फ हमारी सोच ही बेटे और बेटियों को अलग करते हैं।

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