दांडी मार्च नमक सत्याग्रह: जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने सत्याग्रहियों को किया नमन

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। दांडी मार्च नमक सत्याग्रह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अहम पड़ाव माना जाता है। आज से 92 वर्ष पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के नमक उत्पादन पर एकाधिकार को खत्म करने के लिए दांडी मार्च का आह्वान किया था। वहीं इस मौके पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों और दांडी मार्च के सत्याग्रहियों को याद करते हुए नमन किया है।

बता दें कि इस दांडी मार्च की शुरुआत 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से हुई थी। जो  6 अप्रैल को दांडी पहुंची थी। उसी दिन महात्मा गांधी  ने सुबह 6:30 बजे अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़ा था। दांडी मार्च के बाद देश भर में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो 1934 तक चला था। इस मार्च के दौरान महात्मा गांधी अपने 78 अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर निकले थे। उन्होंने 386 किलोमीटर की यह यात्रा पैदल ही तय की थी। भारत के आंदोलन इतिहास की जब भी बात होती है, जिसमें दांडी मार्च का नाम जरूर लिया जाता है।

दांडी सत्याग्रह मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा लागू नमक कानून के विरुद्ध सविनय कानून को भंग करना था। बता दें कि, इससे पहले अंग्रेजी शासन में भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था। भारतियों को इंग्लैंड से आने वाला नमक का ही इस्तेमाल करना पड़ता था। नमक मानवी जीवन के लिए आवश्यक वस्तु है,जिसके लिए नमक पर लगा कर को हटाने के लिए गांधी ने यह सत्याग्रह चलाया था।

12 मार्च को शुरू हुआ यह मार्च लगभग 25 दिन बाद 6 अप्रैल 1930 को 241 मील की दूरी तय कर यह यात्रा दांडी पहुंची था। इसक पश्चात महात्मा गांधी ने कच्छ भूमि में समुद्र तल से एक मुट्ठी नमक उठाकर अंग्रेजी हुकूमत को सशक्त संदेश दिया था। गांधी जी ने आज के दिन नमक हाथ लेकर कहा था कि, मैं ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला रहा हूं।  जिसके बाद यह आंदोलन करीब एक साल तक चला। इस आंदोलन में सहभागी 70,000 से भी अधिक भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था।

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