चैत्र नवरात्र आज से, जानिए पूजा और कलश स्थापना की शुभ मुहूर्त

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। चैत्र नवरात्र आज से यानी शनिवार से शुरू हो रहे हैं। इसी के साथ ही हिंदू नववर्ष का भी आगमन हो गया है। पहले दिन मां के लिए घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है। आज घटस्थापना के लिए सुबह 6 बजे से 8.30 बजे तक अच्छा मुहूर्त है। आज नवरात्रि के पहले दिन पहले स्वरूप शैलपुत्री का पूजन होगा।  देवी शैलपुत्री, को उड़द, हल्दी, फूल-माला, चूड़ी, चुनरिया, फूल आदि अर्पित किया जाता है।

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि मां दुर्गा जिससे भी प्रसन्न होती हैं, उस पर खास कृपा करती हैं। यूं तो साल भर में चार नवरात्रि आती हैं लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करता है उसे माता का खास आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पहले दिन शैल पुत्री की पूजा की जाती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। साथ ही माता का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। आपको बता दें कि मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है।

मंत्र है- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम: इस मंत्र जाप के साथ ही शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्र के पहले दिन देवी के शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए । त्रिफला में आंवला, हर्रड़ और बहेड़ा डाला जाता है। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती हैं।

 

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