NEWSPR डेस्क। बिहार में 24 सीटों पर हुए एमएलसी चुनाव में तीसरा पायदान हासिल करने के बाद भी जदयू ने कमाल कर दिया है। जदयू बिहार विधान परिषद में सबसे ज्यादा सदस्यों वाला दल बन चुका है। बता दें कि 7 मार्च को MLC चुनाव का नतीजा आया। जिसमें भाजपा ने 7 सीटों के साथ सबसे ज्यादा सीट पर जीत का रिकॉर्ड बनाया तो वहीं राजद 6 सीट जीतकर दूसरे नम्बर पर रही। हालांकि राज्य में मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार की पार्टी जदयू सिर्फ 5 सीटों पर जीत हासिल कर पाई और एक बार फिर से विधानसभा चुनाव 2020 की तरह तीसरे पायदान पर ही रही।
दरअसल, बिहार विधान परिषद में जदयू के 23 सदस्य थे लेकिन 5 सीटों पर जीत के बाद पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 28 हो गई। वहीं, बीजेपी के 16 सदस्य थे जो 7 जीत के बाद अब 23 हो गये। जबकि राजद के सदस्यों की संख्या अब तक 5 थी जो 6 सीटों पर मिली जीत के बाद बढ़कर 11 हो गए। इसी तरह एक सीट जीतने वाली कांग्रेस के सदस्यों की संखया बढ़कर 3 से 4 हो गई। शेष सदस्यों में हम के 1, रालोजपा के 1, सीपीआई के 2, वीआईपी के 1 सदस्य हैं जबकि निर्दलीय 4 हैं।
इस तरह मात्र 5 सीट जीतने के बाद भी 75 सदस्यीय बिहार विधानपरिषद में जदयू 28 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। जदयू के मुकाबले देखा जाए तो भाजपा को इस चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ है। भाजपा को 2015 में हुए एमएलसी चुनाव में 12 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं इस बार सिर्फ 7 सीटें ही भाजपा जीत पाई है। राजद को 2015 में 4 सीटों पर जीत मिली थी जबिक इस बार उसे 6 सीटों पर जीत मिली है। इस तरह राजद को 2 सीटों का फायदा हुआ। वहीं जदयू ने 2015 में भी 5 सीटों पर जीत हासिल की थी और इस बार भी उसके 5 सदस्य जीते हैं।