NEWSPR डेस्क। बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून को गैर जरूरी बताकर जाति आधारित जनगणना की काफी समय से मांग कर रहे। इसे लेकर उन्होंने कई बार केंद्र में मुलाकात भी की है। प्रधानमंत्री के सामने भी इस मांग को रखा। वहीं केंद्र ने एक बार फिर से उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लिखित में जातिगत जनगणना कराने से मना कर दिया है। इसे लेकर तेजस्वी भाजपा पर बरसे और धमकी देते हुए कह दिया कि यदि जातिगत जनगणना नहीं होगी। तो बिहार में हम कोई भी जनगणना नहीं होने देंगे।
इसे लेकर तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर सरकार पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा घोर सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी है। बिहार विधानसभा से जातिगत जनगणना कराने का हमारा प्रस्ताव 2 बार सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। लेकिन भाजपा सरकार और बिना इसके बिहार में कोई जनगणना नहीं होने देंगे। एक बार फिर केंद्रीय केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लिखित में जातिगत जनगणना कराने से मना कर दिया।
बता दें कि केंद्र सरकार पहले से ही इसके खिलाफ है। इसके बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है और उनसे मिले। एक बार फिर केंद्र की ओर से इसे कराने को मना कर दिया गया है। सारा खेल अन्य पिछड़ी जातियों के वोट बैंक का है। इनकी आबादी 52 फीसद बताई जाती है। राजनीतिक दलों के बीच ओबीसी के सच्चे हितैषी का क्रेडिट लेने की होड़ लगी है। जिसे लेकर इसे करवाने पर जोर दिया जा रहा।