NEWSPR डेस्क। जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा का मामला हुआ था। जिसमें पुलिस के रोल पर सवाल उठा था। वहीं इस केस में शामिल आठ लोगों की जमानत रोहिणी कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी जाने-माने लोकल क्रिमिनल हैं और उनकी रिहाई गवाहों को डरा सकती है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने अवैध जुलूस को नहीं रोक पाने के लिए दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई।रामनवमी जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा में बीस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस हिंसा में आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हुआ था। बाद में पता चला कि जुलूस पुलिस की अनुमति के बिना निकला था और मुस्लिम समुदाय के बीच पुलिस की मौजूदगी में ही कहासुनी हुई थी।
अदालत ने कहा कि अवैध जुलूस को रोकने और भीड़ को तितर-बितर करने के बजाय, पुलिस अधिकारी जुलूस के साथ थे। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी दीपेंद्र पाठक ने कहा था कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। अगर कोई स्थिति संवेदनशील है और वहां भीड़ है तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह और खराब न हो।