NEWSPR डेस्क। देश में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान गुरुवार को कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने बताया कि 18 जुलाई को प्रेसिडेंट के लिए इलेक्शन होगा। 15 जून को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 29 जून तक नामांकन दाखिल किया जाएगा।
21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का कार्यकाल अगले महीने 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। इस बीच बिहार से नई राजनीतिक अटकलें शुरू हो गई हैं। एकबार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में आ गया है।
नीतीश में राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है। उनके पास देश के सर्वोच्च स्थान को प्राप्त करने वाली सोच है। बिहार सीएम बेहतर उम्मीदवार हैं। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सर्वगुण संपन्न हैं। लेकिन इनके राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की बात से जदयू लगातार इंकार कर रही है।
नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में बिगड़े हुए बिहार को पटरी पर ला दिया, ऐसे में उन्हें अगर देश की जिम्मेदारी मिलेगी तो वह अच्छा ही करेंगे। राष्ट्रपति वो हो जो देश के साथ किसानों के हित के लिए काम करे। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल होंगे या नहीं ये तो दोनों दलों के नेता इस पर विचार करेंगे। या यों कहें इस संदर्भ में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं।
नीतीश कुमार लगातार अपनी चुप्पी से अपने सहयोगी भाजपा को सारी शर्तों को मनवाने में हमेशा कामयाब होते नजर आ रहे हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस का मानना है कि उन्हें राष्ट्रपति की दौड़ से दूर होकर देश की सियासत में पहल करनी चाहिए। नीतीश कुमार के लिए यह तो संटिंग पोस्ट हो जाएगा और बिहार की बागडोर भाजपा अपने हाथ में करने की फिराक में है।
नीतीश कुमार राष्ट्रपति बनेंगे, विपक्ष का चेहरा बनकर प्रधानमंत्री की लड़ाई लड़ेंगे या फिर वो इस सारे मसलों पर क्या सोचते हैं ये तो वही जानें। इसके बाद अब देखने वाली बात ये है कि आगे की राजनीति में नीतीश कुमार कौन सा कदम उठाते हैं।