मुकेश कुमारः
पटना सिटीः आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित आयुर्वेद संक्रामक रोग अनुसंधान संस्थान के कर्मचारियों द्वारा आज जमकर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन का कारण मंत्रालय के उस आदेश को माना जा रहा है जिसमें कहा गया है कि एनपीसीडीएसी योजना को बंद किया जा रहा है और योजना से जुड़े कर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया है। कर्मी इस बात का विरोध कर रहे थे। मामले में जब संस्थान के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि मंत्रालय से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
मामले में बताया गया कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा बिहार, गुजरात और राजस्थान में एनपीसीडीएसी योजना की शुरुआत की गई थी। जिसके लिए सिर्फ बिहार में 162 आयुष कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। इस योजना में कई गंभीर बीमारियों का इलाज आयुर्वेद से कराने को लेकर गांवों में कैंप कर लोगों को जागरुक किया जा रहा था। बताया गया कि दो साल से भी ज्यादा चले योजना को लेकर जो समय तय किया गया था वो पूरा हो गया है। ऐसे में योजना को बंद किया जा रहा है।
कर्मियों के सामने बेरोजगारी का खतरा
एनपीसीडीएसी योजना के बंद होने पर काम करने वाले कर्मियों के सामने अब बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है। प्रदर्शन कर रहे कर्मियों का कहना है महामारी के काल में जब लोग आयुर्वेद की तरफ जा रहे हैं, हमारा मंत्रालय हमें हटाने की तैयारी कर रही है। इन कर्मियों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के पास कई योजना है, अगर एनपीसीडीएसी योजना को बंद करना है तो सभी कर्मियों को दूसरी योजना से जोड़ दें। ताकि इस महामारी में किसी के सामने बेरोजगारी की समस्या न हो।
नहीं आया कोई आदेश
मामले में जब संस्थान के प्रभारी सहायक निदेशक बीआर मीणा से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसा कोई आदेश मंत्रालय से जारी नहीं हुआ है। जिसमें योजना को बंद करने की बात कही गई हो। उन्होंने बताया कि हर योजना कुछ समय के लिए होता है, जिसके बाद उसे बंद कर दिया जाता है।
को हटाए जाने पर कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व हंगामा करने लगे। पूरा मामला पटना सिटी के RMRI रिसर्च सेंटर अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा निर्गत क्षेत्रीय आयुर्वेदिक संक्रामक रोग अनुसंधान संस्थान का है जहां आयुष कर्मचारियों का कहना था कि कोरोना काल मे कोरोना योद्धा के तौर पर दिन रात अपनी कार्य को करते हुए अहम भूमिका निभाई है वही आयुष मंत्रालय द्वारा 162 कर्मचारियों को निकाला जा रहा है ऐसे में सभी आयुष कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे जिसको लेकर सभी कर्मचारी सरकार से मांग किया है कि हमारी भविष्य को देखते हुए सभी कर्मचारियों को नियमित करे नही तो आगे सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।