NEWSPR डेस्क। गया के जीडी गोयनका स्कूल के आठवीं क्लास का छात्र कृष्ण प्रकाश की मौत का कारण जिला प्रशासन 4 माह बीत जाने के बाद भी स्पष्ट खुलासा नहीं कर पाई है। मृतक कृष्ण प्रकाश के पिता का आरोप है कि 16 फरवरी 2022 को रोज की तरह कृष्ण प्रकाश जीडी गोयनका स्कूल पढ़ने गया था। स्कूल प्रबंधक द्वारा सूचित किया कि उनका बच्चा बेहोश हो गया है।
स्कूल प्रबंधन की ओर से दो-तीन बार फोन करने के बाद भी उन्हें जयप्रकाश नारायण अस्पताल बुलाया गया। अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने बच्चे को मृत अवस्था में देखा। उन्होंने बताया कि अपने पुत्र के दोस्तों से पूछने के बाद पता चला कि स्कूल के शिक्षक शिवेंदु अधिकारी ने उनके बेटे को बेरहमी से पिटाई की थी। मामले में उन्होंने स्कूल प्रबंधक व शिक्षक के विरुद्ध गया के चाकन कांड संख्या 39/ 2022 दर्ज कराया लेकिन कार्रवाई में देर होने पर मामले में आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी को लेकर अभिभावकों ने शहर में विशाल कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया।
दबाव में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सल्फास की गोली खाने से बच्चे की मौत बताई गई। जो काफी हास्यास्पद था कि छोटे से बच्चे ने सल्फास की गोली कहां से खाई। स्कूल के अभिभावक द्वारा विरोध के बाद प्रशासन द्वारा पटना के फॉरेंसिक लैब में बिसरा जांच कराई गई। वहां की मौत का कारण सल्फास जहर बताया गया। मामले में जिला पुलिस को शहर वासियों द्वारा घोर विरोध का सामना करना पड़ा। कृष्णप्रकाश मंच की ओर से मंच के संयोजक छात्र के पिता प्रकाश चंद शहर के प्रमुख चौक चौराहे पर आम लोगों के बीच आरोपी की गिरफ्तारी व घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाकर समर्थन मांग रहे हैं।
जन आक्रोश देख प्रशासन ने कोलकाता सेंट्रल लैब में बिसरा जांच के लिए भेजा वहां से आई रिपोर्ट में केस के आईओ एडिशनल एसपी मनीष कुमार ने बताया कि बिसरा रिपोर्ट मे लिखा हुआ है टॉक्सिक मटेरियल नहीं पाया गया यानी जहरीला पदार्थ नहीं पाया गया है। बिसरा रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि बच्चे की मौत किस कारण से हुई है।
इसलिए अनुसंधान अभी जारी है आगे शेष बिसरा को Aiims जांच के लिए भेजा जाएगा और वहां के फॉरेंसिंक के वरीय चिकित्सकों से सलाह ली जाएगी आधी अधूरी रिपोर्ट आने से छात्र कृष्ण प्रकाश के पिता प्रकाश चंद्र को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है और हस्ताक्षर अभियान में तेजी लाते हुए लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। उन्होंने आश्चर्य जताया कि 302 धारा लगाए जाने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है और पुलिस प्रशासन स्कूल प्रबंधक को बचाने में लगी है। वकीलों की राय है कि मामला कोर्ट को सौप देना चाहिए पुलिस बेकार में समय बर्बाद कर रही है और केस को उलझा रही है।
गया से मनोज की रिपोर्ट