NEWSPR डेस्क। पटना गर्दनीबाग राेड नंबर 15 की शाेभा देवी और उसके नवजात बेटे की राजा बाजार स्थित गेटवेल अस्पताल में माैत हाेने के बाद परिजनाें ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल में ताेड़फाेड़ और स्टाफ के साथ मारपीट की। इसके बाद शव के साथ सड़क जाम कर दी। सूचना मिलने के बाद एयरपाेर्ट और शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। बुधवार रात हुई इस घटना में तीन-चार लाेग घायल हाे गए। लाेगाें के तेवर देख अस्पताल के गेट काे बंद कर दिया गया।
डाॅक्टर और अन्य स्टाफ दुबक गए। पुलिस द्वारा अस्पताल पर केस दर्ज करने का आश्वासन मिलने के बाद राेड जाम हटा। करीब एक घंटे तक राेड जाम हाेने से वाहनाें की कतार लग गई। शाेभा काे मंगलवार रात 12:45 बजे इस अस्पताल में एडमिट किया गया था। बुधवार की देर शाम माैत हाे गई। शाेभा का पति पाेठही निवासी सुरेंद्र राम राजा बाजार में ही निजी सफाईकर्मी है। शाेभा की बहन गुंजा व अन्य परिजनाें ने कहा कि दोनों काे डाॅक्टराें ने मार दिया। दाे लाख रुपए भी ले लिया। काेई बिल नहीं दिया। दोनों की जिंदगी बचाने के लिए दाे यूनिट ब्लड भी दिया। डाॅक्टर बार-बार रकम की मांग कर रहे थे। लेकिन उसे देखने वाला तक नहीं था। माैत के बाद सभी भाग गए।
गेटवेल अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल अफसर डाॅ. संजीव ने बताया कि शाेभा के पेट में बच्चा अस्पताल में एडमिट हाेने से ही पहले ही मर गया था। परिजनाें काे बता दिया गया था कि ऑपरेशन में रिस्क है। शाेभा की माैत भी हाे सकती है। परिजनाें से ऑपरेशन करने की कागज पर अनुमति भी ले ली गई थी। उसे ब्लीडिंग बहुत हाे गई थी। बीपी कम हाे गया था। इलाज में काेई लापरवाही नहीं हुई है। सारी रकम का बिल दिया गया है। माैत के बाद परिजनाें ने ताेड़फाेड़ और मारपीट शुरू कर दी।
सुरेंद्र ने बताया कि 15 साल पहले शाेभा से शादी हुई थी। बच्चा के लिए हम दाेनाें न जाने कहां-कहां गए। पूजा-पाठ कराया। पूरी कमाई शाेभा के इलाज में लगा दी। पहले बच्चे के लिए सभी प्रतीक्षा कर रहे थे। गुंजा ने बताया कि मंगलवार रात अचानक शाेभा की तबीयत खराब हाेने लगी। उसे लेकर गेटवेल अस्पताल गए लेकिन डाॅक्टराें व यहां के स्टाफ ने दाेनाें काे मार दिया। इधर, अस्पताल प्रशासन से जुड़े विपिन सिंह ने कहा कि एयरपाेर्ट थाने काे सूचना दी गई लेकिन पुलिस ने काेई कार्रवाई नहीं की।