NEWSPR डेस्क। भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से उनके संसदीय कार्यालय में मुलाकात की। मुलाकात के उपरांत इन बातों की आर के सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग बीस मिनट तक अंतरंग एकान्तिक चर्चा हुई। इस चर्चा में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री यह जानना चाहते थे कि देसी गायों के गोबर और गौ मूत्र पर आधारित जो प्राकृतिक कृषि मेरे द्वारा की जा रही है, उसका अनुभव कैसा रहा है? मैंनें उन्हें अपना अनुभव साझा करते हुए आगे बताए कि जीरो बजट प्राकृ़तिक खेती देशी गाय के गोबर एवं गौमूत्र पर आधारित है।
एक देशी गाय के गोबर एवं गौमूत्र से एक किसान 30 एकड़ जमीन पर प्रा़कृतिक खेती कर सकता है। देशी गाय के गोबर एवं गौमूत्र से बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत एवं दस प्राणि रस बनाया जाता है। जिसका फसलों पर अलग अलग तरह से प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि रासायनिक तत्वों का खेत में उपयोग, मिट्टी की उर्वरा शक्ति को समाप्त कर देता है।
जैविक खेती की उत्पादकता धीमी गति से बढ़ती है। साथ ही आवश्यक खाद के लिए गोबर की बहुत अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए प्रति एकड़ बहुत अधिक पशुओं की जरूरत और अधिक श्रम लगता है। विस्तार से चर्चा करने के बाद आर के सिन्हा ने अपनी नई पुस्तक “मोदी और शाह: मंजिल और राह” की एक प्रति भी भेंट की”