एशिया के पहले रेल कारखाने में 16 सितंबर को मनायी जाती विश्वकर्मा जयंती, जानिए क्या है कारण

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। कोरोना के दो साल के बाद एशिया के पहले रेल कारखाने जमालपुर में आज विश्वकर्मा पूजा को लेकर मुख्य द्वार आम लोगों के खोल दिया गया है। जिस कारण जमालपुर रेल कारखाना में विश्वकर्मा पूजा की धूम रही। बता दें कि जहां सारे देश में विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाती है। वहीं जमालपुर रेल कारखाना में एक दिन पूर्व 16 सितंबर को ही विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है ।

एशिया का पहला रेल कारखाना या सभी रेल कारखाना का दादा रेल कारखाना जो की मुंगेर जिला मुख्यालय से 8 किलो मीटर दूर जमालपुर लौह नगरी में अवस्थित है। इस रेल कारखाना में 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। जबकि पूरे देश में 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। कारखाना के लिय इस बार विश्वकर्मा पूजा खास मायने भी रखता है। क्योंकि दो साल के कोरोना के ग्रहण के बाद इस बार रेल कर्मी के साथ आम लोग भी विश्वकर्मा पूजा में शिरकत कर रहे हैं।

कोरोना काल के दरम्यान जमालपुर रेल कारखाना को भी नया लुक देने की कोशिश की गई है। कारखाना परिसर में लोहे के स्क्रैप से कई तरह के देश और विदेशी धरहरों को बना लगाया गया जिससे कारखाने की खूबसूरती और बढ़ गई। रेल कर्मी ने बताया की दो साल के बाद इस कारखाना में एक बार पुनः विश्वकर्मा पूजा की धूम है । कारखाने को पूरी तरह साफ सफाई की गई।

जगह जगह पे फूल पत्ती लगाया गया है। कई जगहों पे भक्ति जागरण का भी आयोजन किया गाय। विभिन्न शोपों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई है।  इस बार गंगा ब्रिज के शुरू हो जाने से भिड़ बढ़ने की संभावना है। क्योंकि गंगा पार के लोगों के लिए यह पहला मौका होगा जब वे जमालपुर रेल कारखाना को नजदीक से देख पाएंगे।

मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट

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