NEWSPR डेस्क। बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है। राज्य में शराब पीना और शराब की तस्करी के अलावा उसके निर्माण पर कानूनी रोक है। ऐसा करने वालों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। फिर भी, शराब तस्कर और शराबी अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं। सरकार शराब तस्करों और अवैध शराब निर्माताओं पर लगाम लगाने के लिए ड्रोन, नाव और प्रशिक्षित कुत्तों का सहारा लेती है। इसी कड़ी में हैदराबाद से प्रशिक्षण लेकर छपरा पहुंचा एक कुत्ता चर्चा का विषय बना हुआ है।
जहरीली शराब पीकर छपरा हुई सैकड़ों लोगों की मौत के बाद सरकार ने जिले में शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए कड़ी व्यवस्था की है। उसी के तहत विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कुत्ता उत्पाद विभाग के काम आ रहा है। छपरा उत्पाद विभाग को दियरा इलाके में शराब खोजने में दिक्कत होती थी। सरकार ने इसके लिए खोजी कुत्तों को उत्पाद विभाग को सौंपा है। ये एक्सपर्ट कुत्ते उत्पाद विभाग के लिए कारगर साबित हो रहे हैं। हैदराबाद के इंटेग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण लेने के बाद एक कुत्ते को छपरा उत्पाद विभाग को सौंपा गया है।
उत्पाद विभाग इस कुत्ते की मदद से दियारा इलाके में भारी मात्रा में शराब बरामद कर रही है। उत्पाद विभाग ने इस हैदराबादी प्रशिक्षित मेहमान के जरिए दियरा के नदी किनारे वाले इलाकों में सैकड़ों लीटर अवैध शराब बरामद किया है। पुलिस ने शराब को नष्ट कर दिया है। ट्रेनिंग लेकर बिहार लौटे इस कुत्ते की खासियत ये है कि ये जमीन के अंदर दबाये गये शराब को भी खोज निकालता है। जिसकी वजह से शराब माफिया में दहशत का माहौल है। अभी तक हजारों लीटर शराब की बरामदगी हो चुकी है।
आपको बता दें कि छपरा शराब माफिया का सुरक्षित गढ़ माना जाता था। अगस्त 2022 में हुई जहरीली शराब कांड के बाद सरकार ने जिले पर विशेष ध्यान दिया। अगस्त में यहां शराब पीन से 11 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद सरकार ने 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। घटना के बाद बिहार का पूरा प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया था। प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी इस तरह की घटना सामने आने से कई तरह के सवाल उठने लगे थे। उसके बाद उत्पाद विभाग को शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए तमाम तरह के संसाधन उपलब्ध कराए।