NEWSPR DESK- ज्यादा गर्मी पड़े या ठंड कुछ भी अगर ज्यादा मात्रा में पड़े तो फसल खराब होने लगती है। वहीं मौसम की अनिश्चितता किसानों के लिए हमेशा जोखिम भरी होती है. फसल जब तक बिक न जाए ये अनिश्चितता बनी रहती है. पता नहीं कब ज्यादा बारिश हो जाए. पता नहीं कब सूखा पड़ जाए. ओले-पानी फसल बर्बाद कर दें. अगर मौसम मेहरबान बना रहा तो कहीं फसल में कीट न लग जाएं. इन जोखिमों की संभावनाओं को कम करने के लिये कृषि विभाग किसानों को संरक्षित खेती करने की सलाह दे रहा है.
जिला उद्यान सहायक निदेशक निरंजन कुमार इस बारे में जानकारी दे रहे हैं. वो बताते हैं किसानों को अच्छे उत्पादन के लिए नई तकनीक अपनाना जरूरी है. इससे फसलों की सुरक्षा के साथ ही आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है. किसान आजकल प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग कर रहे हैं ताकि जमीन में होने वाली खरपतवार से निजात मिल सके. प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग सब्जी की खेती के लिए किया जाता है.