NEWSPR डेस्क। भागलपुर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय भागलपुर आए दिन किसी न किसी सुर्खियों में रहता है। ऐसा ही एक मामला यहां फिर सामने आया है। जानकारी के मुताबित एक महिला को डिलेवरी के लिए अमरपुर बांका से रेफर कर इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने प्राइवेट सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया तो वहां के रिपोर्ट में दो बच्चे होने की बात कही गई। वहीं अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड में दो बच्चे की बात कही गई थी लेकिन अस्पताल में डिलेवरी के बाद एक ही बच्चा दिया गया।
प्रदीप दास ने अपनी पत्नी कविता देवी को 4 जनवरी शिवम मेटरनिटी होम अमरपुर बांका के डॉक्टर सुधा कुमारी अपने क्लीनिक अमरपुर बांका से रेफर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय भागलपुर भेजा। उनके परिजनों द्वारा बताया गया कि जब वह प्राइवेट एडवांस अल्ट्रासाउंड एंड डायग्नोस्टिक सेंटर अमरपुर बांका में अल्ट्रासाउंड कराए तो वहां के रिपोर्ट में दो बच्चे होने की बात कही गई लेकिन जब मैं मायागंज अस्पताल आया यहां भी मुझको दो बच्चे होने की बात बताई गई थी।
डिलेवरी के बाद एक ही बच्चा और जब उन्होंने दूसरे बच्चे की बात पूछी प्रसव कक्ष में मौजूद सभी कर्मियों ने उनको बरगला दिया। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन लोगों ने बताया यहां के अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट हम लोगों को नहीं दिया गया है। प्राइवेट जांच रिपोर्ट को सरकारी संस्थान द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है। कई मोबाइल और कई गाड़ियों भी वहां से चोरी होने की बात अक्सर आती रहती है। जबकि सरकार के द्वारा सभी सरकारी हॉस्पिटलों को बहुत ही ज्यादा हाईटेक बनाया गया है। जिसमें कई सीसीटीवी कैमरे गार्ड आदि लोगों की मौजूदगी रहती है।
रिपोर्ट-श्यामानंद सिंह भागलपुर