आदिवासी समुदाय के लोगों ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई के पहले शाहिद तिलकामांझी को किया याद।

Patna Desk

 

भागलपुर भारतीय स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई के पहले शाहिद कौन थे क्या आप उन्हें जानते हैं क्या कभी उनका नाम सुना है शायद ना तो आपने उसका नाम सुना हो और ना ही उसके बारे में जानते हो हमारी आजादी की लड़ाई के रिकॉर्ड के अनुसार शहीद होने वाले पहले सेनानी बिहार के तिलकामांझी थे जिन्होंने अंग्रेज शासन के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और तिलकामांझी को जेल में डालने के बाद भागलपुर जिला के तिलकामांझी चौक पर बट वृक्ष के पेड़ में लटका कर फांसी चढ़ा दिया गया उन्होंने अंग्रेज शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई छेड़ी संस्थाओं के प्रसिद्ध संस्थान विद्रोह का नेतृत्व भी तिल का मांझी ने किया था अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए, आज उनका जन्मदिन है इसको लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने विधि विधान से उनका पूजा किया और शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली साथ ही तिलकामांझी आदिवासी समुदाय के लोगों ने आदिवासी नृत्य संगीत पर जमकर झूमे।

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