आरा में अबॉर्शन के दौरान गर्भवती महिला की मौत,हंगामा।

Patna Desk

 

शहर के नवादा थाना क्षेत्र के महावीर टोला स्थित निजी क्लीनिक मंगलवार की देर रात अबॉर्शन के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने निजी क्लीनिक में जमकर हंगामा किया। जिसको लेकर निजी क्लिनिक व पास के इलाके में काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। जिसके बाद स्थानीय लोगो द्वारा इसकी सूचना नवादा थाना दी गई। सूचना पाकर नवादा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया। इसके पश्चात पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया। जानकारी के अनुसार मृतका तरारी थाना क्षेत्र के सेदहा गांव निवासी उपेंद्र चौधरी की 23 वर्षीया पत्नी रजनी देवी है। इधर मृतका के देवर मोहन कुमार ने बताया कि उसकी भाभी रजनी देवी को 4 महीने की प्रेगनेंसी थी और वह दूसरी बार मां बनने वाली थी। मंगलवार की सुबह उसे अचानक तेज दर्द हुआ। जिसके बाद गांव के ही एक दलाल के थ्रू उन्हें आरा शहर के महावीर टोला स्थित एक निजी क्लीनिक में लाया गया था। जहां क्लीनिक के बाहर लगे बोर्ड पर शिवालय हेल्थ केयर लिखा था। जबकि उसके पर्चे पर भोजपुर हेल्थ केयर लिखा हुआ था। जब वे लोग मरीज को लेकर यहां पहुंचे तो यहां पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। सिर्फ एक लेडीस मैम एवं एक जेन्स स्टाफ मौजूद था। इसके बाद उन दोनों ने देखकर उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पेट में ही बच्चे मौत हो गई थी। जिसके बाद उनके द्वारा कहा गया कि मरीज का तत्काल अबॉर्शन करना होगा। वरना शरीर में पूरा जहर फैल जाएगा। जिसके बाद परिजन ने कहा कि डॉ.कब आएंगे तब वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा बोला गया कि हम लोग अपना काम शुरू कर रहे हैं डॉक्टर आ जाएंगे। उसने बताया कि हम लोग मरीज को सुबह 9 बजे क्लीनिक में एडमिट किया था और शाम के 3 बजे गए थे। लेकिन डॉक्टर का कोई अता पता नहीं था। जिसके बाद मौजूद कर्मचारी द्वारा उसकी भाभी का अबॉर्शन किया जा रहा था। कुछ देर बाद फिर परिजनों ने कहा कि डॉ.कब आएंगे उन्होंने बोला कि आज आएंगे। लेकिन वहां सुबह से शाम तक कोई डॉक्टर नहीं आया. इसके बाद जब मरीज की स्थिति काफी बिगड़ गई तब वह मौजूद कर्मचारी एवं पहले से भर्ती अन्य मरीज वहां से अचानक गायब हो गए। उसने कहा कि वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा अबॉर्शन दौरान बच्चे को बेरहमी से निकाला जा रहा था और उसकी भाभी करीब ढाई घंटे तक बेहोश थी। क्लीनिक के कर्मचारी द्वारा परिजनों से 40 हजार रुपये पहले ही ले लिए गए थे। इसी बीच रात करीब 8 बजे जब मरीज की मौत हो गई तो उन्होंने कहा की 1 लाख रुपये और जमा करो मरीज की स्थिति काफी खराब है।

उसे पटना रेफर करना है। इसके बाद जब परिजनों ने मरीज को देखा तो उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने निजी क्लीनिक में जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे नवादा थाना पुलिस ने मामले को शांत कराया। वहीं दूसरी ओर मृतका के देवर मोहन कुमार ने महावीर टोला स्थित निजी झोलाछाप निजी क्लीनिक में मौजूद कर्मचारियों के लापरवाही के कारण अपनी भाभी के मौत होने का आरोप लगाया है। बहरहाल पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है। बताया जाता है कि मृतक आपने दो भाई वह दो बहन में दूसरे स्थान पर थे मृतका का पति पेशे से मजदूर है और उसे एक पुत्री रहना कुमारी है। घटना के बाद मृतका के घर में कोहराम मच गया है। घटी इस घटना के बाद मृतका के परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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