भोपाल। रीवा जिले के संजय गांधी अस्पताल में एक नया कारनामा सामने आया है। यहां के एक सरकारी अस्पताल में 22 साल के युवक को शरीर में सामान्य दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। जिसके बाद शव लेने के लिए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से मांग की तो उन्हें मर्चुरी भेज दिया गया। जहां उन्हें सील बंद शव सौंप दिया गया। जिसके बाद शव को लेकर वह बाहर निकल गए। लेकिन वाहन पर शव को रखने के दौरान शव का वजन अधिक लगा, जिससे उन्हे कुछ शंका हुई। इसके बाद जब शव को खोला गया तो सभी हैरत में पड़ गए। यहां 22 साल के युवक की जगह एक बुजुर्ग का शव मौजूद था। जिसकी उम्र 65 साल के आसपास बताई जा रही थी। इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
परिजनों को लगा अभी जिंदा है युवक
वृद्ध के शव को देखकर परिजनों को उम्मीद जगी कि शायद उनका बेटा जीवित होगा, लेकिन एक बार फिर अस्पताल की तरफ से झटका दिया गया। जब कहा गया कि सीएमएचओ ने बताया कि उनके बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। यह सुनकर परिजन और भड़क गए। मृत युवक के पिता रामविलास कुशवाहा ने बताया कि चार दिन पहले उनके बेटे को शरीर में दर्द की शिकायत होने के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। जहां से उसे कोविड अस्पताल भेज दिया गया। इन सबकी जानकारी परिवार के लोगों को नही दी गई। यहां तक कि युवक की मौत के बाद भी कोविड – 19 रिपोर्ट नहीं दी गई है। फिर अचानक कह दिया गया कि उनके बेटे की मौत हो गई है और शव पहचानने के लिए मॉर्ग भेज दिया गया।
हंगामे के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर सस्पेंड
शव बदले जाने की घटना ने जब तूल पकड़ लिया तो आनन फानन में रीवा डिवीजन के असिस्टेंट कमिश्नर ने अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राकेश पटेल को सस्पेंड कर दिया है।