गया: बिहार में लोकसभा के चुनावी दंगल में नेता और बाहुबली अपना दम दिखा रहे हैं. वही बिहार के गया लोकसभा सीट से एक उम्मीदवार ऐसा है, जो लोगों से चंदा मांग कर अपनी किस्मत आजमा रहा है. गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अशोक कुमार पासवान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. यह ऐसे प्रत्याशी है, जिनका बैंक बैलेंस शून्य है. वही, इनका घर भी बिहार सरकार की जमीन में है.
लोकसभा चुनाव की सियासत बिछ चुकी है. गया लोकसभा क्षेत्र से 14 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे है. बिहार के चुनावी दंगल में एक ओर नेता और बाहुबली अपना दम दिखा रहे हैं. एक ओर प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपनी झोली से खर्च कर जोर शोर से चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर बिहार के गया लोकसभा सीट से एक ऐसा उम्मीदवार है जो लोगों से चंदा मांग कर अपनी किस्मत आजमा रहा है. ये ‘मिस्टर डोनेशन’ निर्दलीय लड़ रहे हैं और चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इनके इनके पास बैंक बैलेंस नहीं है. बिहार सरकार की जमीन में घर है. यह हाथ जोड़कर चंदा मांग कर चुनाव लड़ रहे हैं और प्रचार कर रहे हैं.
बिहार के गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से से अशोक कुमार पासवान अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. आकाश पासवान निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में खड़े हैं, लेकिन यह पूरे जोश जज्बे से अपने चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. खास यह है, कि वे जनता के बीच जा रहे हैं और जनता से मदद मांग रहे हैं. जनता से मदद के तौर पर झोली फैलाकर हाथ जोड़कर दस रुपए मांगते हैं और एक वोट की भी अपील करते हैं.
अशोक कुमार पासवान निर्दलीय प्रत्याशी है, लेकिन वे बेबाक है. बेबाक तरीके से अपनी बातें रखते हैं और लोगों से 10 रूपए की मदद लेने में सफल हो जाते हैं. साथ ही एक वोट का आश्वासन भी लेते हैं. अशोक कुमार पासवान विभिन्न सांंसदों से जुङे पचास सालों तक के इतिहास के बारे में बोल जाते हैं. कई सांसदों के बारे में बताते भी है. कई सांसदों के विभिन्न खामियों का उदाहरण भी देते हैं, कि किसने क्या किया. अशोक पासवान की बेबाकी से प्रभावित होकर लोग उन्हें 10 रूपए आसानी से देते हैं. इस तरह 10 का चंदा और एक वोट देने की अपील से अशोक पासवान चुनावी अभियान में जोर-जोर से जुटे हुए हैं.
इस तरह गया लोकसभा चुनाव में अजब-गजब नजारा दिख रहा है. वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कुमार पासवान का चुनाव चिन्ह ऑटो है. वह काफी चर्चा में बने हुए हैं. चर्चा में इसलिए बने हुए हैं कि यह पहले ऐसे कैंडिडेट है, जो कि नामांकन में जमा होने वाली डिपॉजिट राशि भी चंदा मांग कर भरी थी. वहीं, अब चुनाव प्रचार भी चंदा मांगकर कर रहे हैं. हालांकि, अशोक कुमार पासवान के चुनाव प्रचार को लेकर लोग इसे काफी कौतूहल भरी निगाह से भी देखते हैं. साथ ही अजीबोगरीब ऐसे प्रत्याशी भी है, जो चंदा मांग कर लोकसभा चुनाव लड़ रहे है.
अशोक कुमार पासवान बताते हैं, कि गया लोकसभा चुनाव जीतने के बाद दुबारा देखने नहीं आता है. बात कर लें, ऑटो वाली की, तो कमाई हो या न हो, लेकिन उन्हें 300 की चुंगी देनी पड़ती है. बेरोजगारी की समस्या ने लोगों की कमर तोड़ दी है. इन सभी मुद्दों के साथ में चुनावी मैदान में आए हैं. उनका चुनाव चिन्ह टेंपो है. अशोक कुमार पासवान बताते हैं, कि आज के नेता को देख रहे हैं, कि यह सब अपने परिवार को सेटल कर रहे हैं. अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने में जुटे हुए हैं.
अशोक कुमार पासवान बताते हैं, कि उनका चुनाव प्रचार प्रचार लोगों के चंदे से चल रहा है. वे ऑटो से प्रचार कर रहे हैं. वहीं, 10 का नोट और एक वोट दीजिए की अपील लोगों से कर रहे हैं. लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है. लोग ₹10 का नोट दे रहे हैं, वोट देने की भी आश्वासन दे रहे हैं. बताते हैं, कि पब्लिक से जितना चंदा आया है, वही खर्च करूंगा. ऑटो से प्रचार करूंगा. ₹10 का हिसाब चौराहे पर लोगों को दूंगा.
अशोक कुमार पासवान बताते हैं कि वह बेरोजगार है. आय का कोई साधन नहीं है. हमारे समक्ष बेरोजगारी है. चंदा से चुनाव लड़ रहे हैं. लोग प्यार दे रहे हैं. गया लोकसभा अंतर्गत सभी छह विधानसभा क्षेत्र में भी जाएंगे और चुनाव प्रचार के दौरान ₹10 का नोट और एक वोट मांगेंगे.