भागलपुर विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आशानंदपुर नया टोला की रहने वाली रिफत आफरीन जो पार्ट थर्ड में पढ़ती है गुरुवार को घर से एटीएम से पैसे निकालने के लिए निकली थी लेकिन लौट कर घर वापस नहीं आई। जिसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश की लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। जिसके बाद लापता लड़की की मां विश्वविद्यालय थाना पहुंची। जहां से उसे समझा-बुझाकर रेल थाना भेज दिया गया। वही जब वह वहां गई तो तब वहां से उसे फिर उसे विश्वविद्यालय थाना भेज दिया। पिछले तीन दिनों से लापता लड़की के परिजन दोनों थानों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन आज तक मामला दर्ज नहीं किया जा सका है। लड़की की मां का कहना है कि वह मुंबई की एक लड़की से लगातार बात करती थी और उन लोगों को शक है कि उसी के द्वारा बहला-फुसलाकर लड़की को ले जाया गया है।
वही जिस दिन से लड़की गायब हुई है मां और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। लेकिन पुलिस है कि मामला तक दर्ज करने को तैयार नहीं, तो खोजने की बात तो दूर की बात है। जबकि पुलिस मैनुअल के अनुसार किसी भी थाने में मामला दर्ज किया जा सकता है, और जांच के बाद जिस थाना का मामला होता है वहां उसे भेजा जाता है। लेकिन इस मामले में पुलिस सिर्फ परिवार वालों को इधर से उधर टहला रही।वही लड़की की मां का कहना है कि अगर पुलिस समय पर मामला दर्ज कर खोजबीन करती तो शायद उसकी लड़की मिल जाती। लेकिन विधानसभा में उठे सवालों के बावजूद भी पुलिस अपनी कार्यशैली बदलने को तैयार नहीं है।