NEWSPR डेस्क। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा आज मण्डल कारा औरंगाबाद एवं अनुमण्डलीय कारा दाउदनगर का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान मण्डल कारा औरंगाबाद में प्रतिनियुक्त जेल भ्रमण अधिवक्ता श्री नवीन कुमार एवं निवेदिता कुमारी भी साथ में उपस्थित थे। इस दौरान मण्डल कारा में पदस्थापित जेल अधीक्षक श्री सुजीत कुमार झा भी मौजूद थे। सचिव श्री प्रणव शंकर द्वारा जेल के प्रत्येक वार्ड का निरीक्षण किया गया तथा बंदियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किया गया। मण्डल कारा में निरीक्षण के दौरान पुरे समय तक जेल अधीक्षक उपस्थित रहें तथा उनके सामने कैदियों ने उत्पन्न हो रही समस्याओं से अवगत कराया। इसपर सचिव द्वारा उसे तुरन्त दूर करने का निर्देश जेल अधीक्षक को दिया साथ ही जेल में बंद कैदियों का पूर्ण विवरण भी प्राप्त किया।
जेल अधीक्षक को यह भी निर्देश दिया गया कि जो भी कैदियों मण्डल कारा मे आते हैं और उसे प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी उम्र 18 वर्ष से कम है जो इसकी सूचना तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय को तथा जेल में प्रतिनियुक्त जेल भ्रमण अधिवक्ता को आवश्यक रूप से देना सुनिश्चित करे, साथ ही सचिव ने साथ रहे दोनों जेल भ्रमण पैनल अधिवक्ताओं को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में 18 साल से नीचे प्रथम दृष्टया प्रतीत होने वाले बंदी की जाँच अपने स्तर से जेल भ्रमण के दौरान आवश्यक रूप से करें अन्यथा कमी पाये जाने पर इसकी जिम्मेवारी उनपर होगी। इसके उपरान्त सचिव ने जेल में स्थापित लिगल एड क्लिनिक में प्रतिनियुक्त कैदी पारा विधिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण एवं उनके कार्यो का मूल्यांकन के दौरान उनके द्वारा पूर्व में बनाये गये पंजी का निरीक्षण किया|
जेल भ्रमण में निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा जेल की साफ-सफाई हेतु आवश्यक निर्देश भी दिया गया । सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को मण्डल कारा में एक प्रदर्शन बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया गया, जिसमें बड़े अक्षरों में अगर आप गिरफ्तार हैं या पुलिस द्वारा पूछ-ताछ के लिए बुलाये गये हैं तो आपको मुफ्त पैनल अधिवक्ता के द्वारा कानूनी सहायता का अधिकार है अंकित होना चाहिए जो ऐसे स्थल पर रहें जिसे सब कोई देख सके जिससे उनका लाभ हो। इस निर्देश पर जेल अधीक्षक द्वारा तत्काल इस कार्य को करने का भरोसा दिया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा विधिक सहायता की आवश्यकता रखने वालो के लिए उन्हें मुफ्त पैनल अधिवक्ता की सेवा मुहैया करायी जाती है। सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि जो भी नये कैदी जेल में आते हैं तो बंदी के दौरान उनके अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में बतायें साथ ही साथ अगर उन्हें विधिक सहायता की आवश्यकता है तो किस प्रकार उन्हें विधिक सहायता मिल सकती है के बारे में भी बतायें।
मण्डल कारा में कैदी वार्ड सहित अन्य जगहों पर निरंतर सफाई कराते रहने के लिए जेल अधीक्षक को निदेशित किया गया। मण्डल कारा औरंगाबाद में लिगल एड क्लिनिक अपना कार्य सुचारू रूप से कर रहा है जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से उन्हें विधिक सहायता मुहैया कराने में भरपुर मदद की जा रही है। इसके उपरान्त सचिव ने अनुमण्डलीय कारा दाउदनगर का निरीक्षण किया तथा उनके साथ प्रभारी अनुमण्डलीय न्यायिक दण्डाधिकारी श्री अखिलेश प्रताप सिंह न्यायिक दण्डाधिकारी श्री दिनेश कुमार जेल उपाधीक्षक श्री उदय कुमार रहें। सचिव द्वारा अनुमण्डलीय कारा के सभी बार्डो का निरीक्षण किया। साथ ही नये बंदियों के रखने हेतु बने आइसुलेशन बार्ड का भी निरीक्षण किया तथा कैदियों को दिये जाने वाले सुविधाओं की जानकारी प्राप्त किया साथ ही उपरोक्त समस्त दिशा-निर्देश अनुमण्डलीय कारा दाउदनगर के कारा उपाधीक्षक को दिया। निरीक्षण के क्रम में सचिव ने अलग-अलग वार्ड में जाकर कैदियों से अकेले में भी उनकी समस्याएं सुनी।
दाउदनगर में महिला सेल में बातचीत के क्रम में कई महिला कैदियों ने विधिक सहायता मांगा तथा अन्य समस्याओं से भी रूबरू कराया। सचिव ने उनकी समस्या सुनने के पश्चात तत्काल उन महिलाओं की ओर से आवेदन लिया तथा उस पर अग्रतर कार्रवाई करने का आश्वासन उन्हें दिया।