NEWSPR डेस्क। औरंगाबाद सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के दर्जा मिल गया है और मॉडल अस्पताल का स्वरूप देने के लिए यहां नय बिल्डिंग का निर्माण कराने के लिए पुराने भवनों को ध्वस्त किया जा रहा है। पुराने भवनों के ध्वस्त होते ही आउटसोर्सिंग में काम कर रहे कर्मियों की लॉटरी सी लग गई है।
बता दें कि पुराने भवनों के ध्वस्त होते हैं भवन में लगे खिड़की दरवाजे तथा अन्य सामग्रियों को आउटसोर्सिंग में काम कर रहे कर्मी ऑटो पर लादकर सारा सामान अपने अपने घर लेकर जा रहे हैं। कई कर्मियों ने तो भवन से निकल रही लोहे तथा पुराने पंखे और कई सामग्रियां कबाड़े में भी बेच दिया है। सरकारी संपत्तियों को कर्मियों द्वारा यह सारा सामान घर ले जा रहे हैं, यहां तक की लाखों की लागत से अलग है सोलर प्लेट का भी कोई अता पता नहीं है कि उसे कौन ले गया और कहां है।
इन्हें इजाजत किसने दी यह तो जांच की विषय है लेकिन ले जाते समय आउटसोर्सिंग में काम कर रहे महिला कर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधक हेमंत कुमार का हवाला देते हुए कहा की मैनेजर ने ही कहा है कि खिड़की दरवाजा अन्य सामग्रियां जो निकल रहे उसे घर ले जाओ। इससे साफ जाहिर होता है कि अस्पताल के मैनेजर की मिलीभगत से सरकार को लाखों की चुना लगाया जा रहा।
औरंगाबाद से रूपेश की रिपोर्ट