कलयुगी बेटा पिता के इलाज से हुआ परेशान, बुजुर्ग मां-बाप को घर से निकाला बाहर, सड़क किनारे पॉलिथीन तानकर ले रहे पनाह

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। खबर बिहार के गोपालगंज से है। जहां एक कलयुगी बेटे की हैरान करने वाली करतूत सामने आई है। बेटा अपने मां-बाप की बेबसी दूर करने में नाकाम है। हम ये सोच कर परेशान हैं कि अगर सच है कि भगवान है, तो ये कैसा जहान है, ये कैसी संतान है। मां बाप अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर बड़ा बनाते हैं, ताकि बेटा बुढ़ापे की लाठी का सहारा बनेगा। लेकिन जब बच्चे बड़े होकर उनके साथ ऐसा कदम उठाते हैं। तो मां-बाप की नजरों में गिर जाते हैं। यह एक ऐसे बुजुर्ग मां-बाप की कहानी है।

जिन्होंने अपने बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया। आज उसी ने बुढापे की लाठी का सहारा बनने के बजाय घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये शर्मनाक और दर्दनाक घटना है जादोपुर थाना क्षेत्र के बाबू बिशनपुर गांव की। जहां जवान बेटे ने मां-बाप को बीमार होने पर घर से निकाल दिया है अब यह बुजुर्ग इस भीषण गर्मी में सड़क किनारे पॉलिथीन तानकर पिछले 5 दिनों से रहने को मजबूर हैं और दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

बताया जाता है कि बाबू बिशुनपुर गांव निवासी दरोगा सहनी और उनकी पत्नी बुचिया देवी को उनके पुत्र भीखम सहनी और बहू ने घर से 5 दिन पहले निकाल दिया। बेटे के मुताबिक उसके पिता दरोगा सोनी को कुष्ठ रोग है। मां पूरी तरह बीमार हो चुकी है। बेटे और बहू को डर है कि कुष्ठ रोग कहीं पूरे परिवार को ना फैल जाए। इसलिए उसने पहले सरकारी विद्यालय में मां-बाप को रखा। फिर स्कूल खुला तो गोपालगंज-बेतिया हाईवे किनारे जादोपुर-मंगलपुर पुल पर ले जाकर छोड़ दिया। 5 दिनों से खाना पीना भी बुजुर्ग दंपति को नहीं मिला है। आसपास के लोग जब कुछ खाने के लिए देते हैं तो बेटा आकर गाली देने लगता है।

इधर, दोनों बुजुर्ग दंपती की हड्डियां काम करने के लायक नहीं बची है। एक तो रोग और दूसरा अपनों से मिले जख्म। उनके आंसू बनकर झर झर गिरे रहे हैं। दंपति ने पहले स्कूल में रहकर 10-15 दिनों तक गुजारा किया। जब स्कूल खुला तो सड़क के किनारे 40 डिग्री धूप की तपिश, कभी तेज हवा, कभी बारिश के बीच 2 मीटर पॉलिथीन के नीचे रहने को मजबूर हैं।

इतना कुछ होने के बाद भी मां अपने बेटे के लिए कुछ भी नहीं पा रही है। किस्मत को कोसते हुए रोने लगती है। वहीं गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि कुष्ठ रोग लाइलाज बीमारी नहीं है। उसका इलाज संभव है। पीड़ित व्यक्ति को कोई अस्पताल लाए तो उनका निशुल्क इलाज किया जा सकेगा। इलाज से बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है। घर से निकालने के बदले उनका इलाज जरूरी है। दवा लेने वाले मरीज के संपर्क में रहने से संक्रमण का खतरा नहीं होता। दंपत्ति अब खुले आसमान के नीचे पनाह ले रहा।

गोपालगंज से मंजेश मिश्रा की रिपोर्ट

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