NEWSPR DESK- मुंगेर जिला में पड़ने वाले 26 किलोमीटर कांवड़िया पथ पर कांवर की रुनझुन झंकार के बीच कांवरियों का बाबाधाम जाने का सिलसिला जारी हो गया है । जबकि आगामी 22 जुलाई से श्रावणी मेला का की शुरुआत होगी ।
पर जिस प्रकार विश्व का सबसे बड़ा मेला शुरू होने में चंद दिन शेष हैं । उस अनुरूप प्रशासनिक स्तर पर तैयारी आधी अधूरी है. कच्ची कांवरिया पथ में टेंट सीटी , बिजली पेयजल, शौचालय, स्नानागार, स्वास्थ्य शिविर, पुलिस पिकेट बनाने का कार्य अभी बांकी है तो कांवरियों को आधा अधूरा बालू बिछाव के बावजूद कीचड़मय सड़क के बीच यात्रा करना पड़ रहा है।।
विश्व का सबसे लंबा लगने वाला श्रावणी मेला के शुरुआत के बस चंद ही दिन शेष बचे हुए है । पर आलम यह है कि अभी से ही कांवड़ियों का बाबाधाम जाने का सिलसिला शुरू हो गया है पर अब भी तैयारी आधा अधूरा ही है । विदित हो कि मनिया धर्मशाला के पास कीचड़ और जलजमाव को देख धर्मशाला के सामने फेबर ब्लॉक या पीसीसी सड़क का निर्माण विलंब से पीसीसी कार्य शुरू किए जाने एवं धर्मशाला के सामने बालू-गिट्टी रख दिए जाने से धर्मशाला का रास्ता अवरुद्ध हो गया।
जिससे कांवरियों को धर्मशाला में प्रवेश करने में कठिनाई हो रही है. इतना ही नहीं कांवरिया पथ पर लाइटिंग की भी व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण कांवरिया रात के अंधेरे में यात्रा करने को विवश हैं । कांवड़िया पथ पे चल रहे काव्यों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बांग्ला सावन के प्रवेश होते हैं और हम सभी कांवरिया यात्रा प्रारंभ करते हैं. इस बार तैयारी में कमी देखी जा रही है।
रास्ते में लाइटिंग की व्यवस्था नहीं होने से दूर-दूर तक अंधेरे में ही यात्रा करना पड़ रहा है । टेंट सीटी अब तक बन के तैयार नहीं है । कच्ची कांवड़िया पथ पर भी बालू का बिछाव सही ढंग से नहीं हो पाया है । पानी से लेकर शौचालय तक तो सभी में अभी और काम करने की आवश्यता है । शाम ढलते ही बिजली को व्यवस्था भी तक दुरुस्त नहीं हुआ । या यौन कहा जाय कि इस बार आधे अधूरे तैयारी के बीच कांवड़ियों को चलना पड़ेगा ।