मुंगेर जिला अंतर्गत केंद्र सरकार के द्वारा संचालित मात्र तीन जन औषधि की दुकान के कारण लोगों को पूर्ण रूप से नही मिल पा रही सस्ती दवाओं का लाभ । और तो और सदर अस्पताल प्रबंधक के द्वारा जन औषधि को स्टॉक प्वाइंट उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण सीमित मात्रा में ही दवाएं मंगाने के कारण लोगों को आधा अधूरा ही दवा उपलब्ध करवा पा रहा जन औषधि ।
भारतीय जन औषधि यानी की लोगों के लिए एक वरदान जो कम से कम कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं को उपलब्ध करवाती है। जिस कारण आज आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी यहां से दावा खरीद अपने या परिजनों का इलाज करवा पाने में सक्षम हो पा रहे है । पर इसका पूर्ण रूप से फायदा लोगों को नही मिल पा रहा है। दरअसल मुंगेर जिला में 9 प्रखंड में मात्र तीन ही जन औषधि की दुकानें है जो पूरे जिले के लोगों को सस्ती दवाओं को उपलब्ध करवा पाने में सक्षम नहीं है। साथ ही मुंगेर सदर अस्पताल परिसर स्थित जन औषधि की दुकान को सदर अस्पताल के द्वारा अब तक स्टॉक प्वाइंट उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण पूर्ण रूप से दवाओं को दुकानदार के द्वारा नही मंगाया जा सक रहा है ।जिससे लोगों को स समय और सही मात्रा में दवा उपलब्ध नही हो पा रही है। लोगों ने बताया की सरकार के द्वारा संचालित जन औषधि आज लोगों के लिए एक वरदान बन कर लोगों की जान बचाने का काम कर रही है। कल तक वो जिस महंगी दावा को खरीद इलाज करवा रहे है वो अब उससे काफी कम कीमतों में वहीं दावा को जन औषधि से खरीद रहे है । साथ ही लोगों ने शिकायत की जिले में मात्र तीन दुकान और सदर अस्पताल स्थित जन औषधि की दुकान में स्टॉक प्वाइंट नही होने के कारण सभी दावा एस समय नहीं मिल पा रही है । एक दवा लिया जाता हैं तो दूसरे दावा के लिए इंतजार करना पड़ता है।
इस मामले में सदर अस्पताल स्थित जन औषधि के संचालक राकेश कुमार ने बताया की लोगों का विश्वास अब जन औषधि में बढ़ा है जिस कारण उनके दुकान में सरकारी अस्पताल के अलावा अब प्राइवेट डॉक्टरों के लिखे दवाओं को भी लेने लोग काफी संख्या में पहुंचने लगे है। पर स्टॉक प्वाइंट नही रहने के कारण दवाओं को स्टॉक जल्दी खत्म हो जाता है । साथ ही अब सरकारी अस्पतालों से भी दवाओं को खरीदी करने का उन लोगों के पास ऑर्डर आने लगे है जिसके लिय भी स्टॉक प्वाइंट की आश्यकता है। पर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लाख आवेदन दिए जाने के बाद भी स्टॉक प्वाइंट उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है । साथ ही बताया की अभी भी जिले में मात्र 3 दुकान संचालित है जोकि जिले वासियों के लिए न काफी है । ऐसे में सरकार के द्वारा लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध करवाने का संकल्प अभी आधा अधूरा ही साबित हो पा रहा है।