बिहार में बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर सरकार द्वरा लगातार बैठक की जा रही थी मनरेगा के तहत लाखो रूपए कि कई योजनाएं भी लाइ गई बांधो के मेंटेनेंस को लेकर, पर सरकारी की सभी योजनाएं विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के मीटिंग टेबल तक ही सिमित रह गई और जब बाढ़ आया तो अब अधिकारियो के लूट का पर्दाफाश हो रहा है।
पिछले कई दिनों से नेपाल सहित पूरे चंपारण में लगातर हो रही मूसलाधार बारिश व नेपाल से छोड़ी गई पानी के दबाव की वजह से मोतिहारी जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है ।पूर्व से ही नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी से जहां पूरा जिला हलकान था तो वही इस इलाके में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का संकट और गहराता जा रहा है। जिले के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित छेत्र सुगौली में गंडक व सिकरहना नदी का पानी इस कदर रौद्र रूप ले लिया है कि लोग अब अपना ठिकाना बदलने को विवश है । यही नहीं बल्कि पानी से घिरे गाँवो से निकलने के लिया रास्ता नहीं है लोगो जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे गांव से बाहर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं ।
वही जिस रिंग बांध के मरमति पर मनरेगा के तहत लाखो रुपए का खर्च बताया गया है उस रिंग बांध का अस्तत्व ही मीट चूका है । ,,,लोग बाढ़ के पानी के कारण नारकीय जीवन जीने को मजबूर है लेकिन उनको कोई देखने सुनने वाला तक नही ,,हालात ये है कि लोग अपनी जान बचाने के लिए सड़क किनारे खुद व अपने परिवार के साथ अपने मवेशियों के साथ इस भीषण बरसात में रहने को मजबूर है। वही बाढ़ का पानी पूरे सुगौली सहित अन्य क्षेत्रों को अपने आगोश में ले लिया है। हलाकि इन सब के बीच सरकार की सहायता भी सिथिल पड़ी हुई है कही नाव की भी व्यवस्था नहीं दिख रहा है । और न कोई कम्युनिटी किचेन भी दिख रहा है ।