गया में भगवान कृष्ण बाल रूप में हैं विराजमान, चारों पहर बदलता है रूप 

Patna Desk

 

NEWSPR DESK -गया, देश भर में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया.भगवान कृष्ण की पूजा में लाखो करोड़ो भक्त जुटे दिखे. वहीं, बिहार के गया में भगवान कृष्ण की बाल रूप में अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारिक प्रतिमा है. यह प्रतिमा अष्टधातु की बताई जाती है, जो काले पत्थरों में है. भगवान कृष्ण बाल रूप में बांसुरी लिए यहां विराजमान है. तकरीबन 350 साल से गया के कृष्ण द्वारिका मंदिर में भगवान कृष्ण की चमत्कारिक प्रतिमा स्थापित है. कृष्ण द्वारिका मंदिर के पुजारी का मानना है, कि यह प्रतिमा अद्भुत और चमत्कारिक है. गुजरात के द्वारिका मंदिर की तरह यह प्रतिमा है. यहां भी भगवान चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं. गुजरात के द्वारिका मंदिर से यह प्रतिमा थोड़ी छोटी है, लेकिन स्वरूप पूरी तरह से मिलता-जुलता है. ऐसी प्रतिमा अत्यंत दुर्लभ होते हैं और देश में गिने-चुने जगह पर ही हो सकते हैं. कृष्ण द्वारिका मंदिर गया में स्थापित इस प्रतिमा के दर्शन के लिए देश भर से लोग आते हैं. जो भी तीर्थ यात्री गया जी को आते हैं, वे कृष्ण द्वारिका जरूर पहुंचते हैं और भगवान कृष्ण के इस दुर्लभ अद्भुत और चमत्कारी प्रतिमा का दर्शन जरूर करते हैं.

इस मंदिर की बड़ी खासियत है. सबसे बड़ी बात यह है, कि यह प्रतिमा चारों पहर अपना रूप बदलती है. भगवान श्री कृष्णा बाल रूप में है और सुबह दोपहर शाम और रात्रि में उनकी अलग-अलग मुद्रा होती है. सुबह में मुस्कान वाली मुद्रा में दर्शन देते हैं. दोपहर में कुछ और संध्या में और रात में कुछ और मुद्रा होती है.

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