बेगूसराय के सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस में मची भगदड़ पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बहादुर शाह जफर की तरह मुगलिया सल्तनत की अंतिम करी है,अंतिम फेज है तो वहीं मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मस्जिद और वक्फ बोर्ड की तरह स्वतंत्र करने का समर्थन किया।
कांग्रेस पार्टी परिवारवाद का सबसे बड़ा परिचारक है। कांग्रेस पार्टी के अंदर जो उनका संविधान है उसे संविधान नाम की कोई चीज नहीं है संविधान की रक्षा जो पार्टी के अंदर नहीं हो पा रही है वो राहुल गांधी कहां से अलुल जलुल बातें को रख रहे हैं। इसीलिए कांग्रेस पार्टी आज के तारीख में बहादुर शाह जफर की तरह मुगलिया सल्तनत की अंतिम करी है अंतिम फेज है। और कांग्रेस से उम्मीदवार भाग रहे हैं चाहे इंदौर हो चाहे दिल्ली हो दिल्ली के अध्यक्ष इस्तीफा दे रहे हैं। यह डूबती हुई नाव है इस नाव पर जो चढेगा मुझे तो आश्चर्य है कुछ लोग डूबते हुए नाव पर चढ़ कर के अब उनको डूबनाता ही है।वही देखिए आजादी के बाद से ही सनातन धार्मिक स्थलों को, सनातन धार्मिक स्थलों पर, सनातक धार्मिक स्थलों से ऐसा दुर्व्यवहार किया गया कि इन्हें राज्यों में इनके ऊपर ट्रस्ट बनाया गया।
मंदिरों के महंत के हाथ पैर बांधने के लिए जो कभी धार्मिक गतिविधि चलता था। सामाजिक गतिविधि चलता था सनातन के उत्थान के लिए काम करता था। वो आज सरकारी इंटरफ्रेंस के कारण उसमें गतिविधि सब रुक गया। लेकिन वही मस्जिदों में वही वक्फ बोर्ड एक ऐसा संस्था बन गया है जो कि बेगूसराय क्या पूरे बिहार में पूरे बिहार क्या पूरे देश में वक्फ बोर्ड लोगों की जमीनों पर अपना अधिकार जमाने लगा जबकि कांग्रेस को चाहिए था कि आजादी के तुरंत बाद जो लोग यहां से गए और जो वहां पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दु आए उनमें जमीन दे देने की जरूरत थी। आज एक जमींदार की भूमिका में सरकारी संरक्षण में उनके ऊपर कोई बंदिश नहीं है। हमें मंदिरों को स्वतंत्र करो मस्जिद और वक्फ बोर्ड की तरह ये मांग धार्मिक केन्द्रों से सनातन को बचाने के लिए हो रहा है मैं इसका समर्थन करता हूं क्योंकि अब मंदिरों के ऊपर बंदिश ना रहे।