एक्सक्लूसिव/ पंकज मिश्र
जामताराः क्या मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनके छोटे भाई बसन्त सोरेन के कथित विवाद के चलते बसन्त सोरेन के व्यवसायी पार्टनर योगेंद्र तिवारी को सुबह से 14 घण्टे पुलिस कस्टडी में गुजारनी पड़ी। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट से तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कई बार अपने ट्विटर पर लिखा ओर आरोप लगाया कि दुमका के किसी अधिकारी में मुख्यमंत्री के बेनामी सम्पत्ति पर केस दर्ज करने की हिम्मत नही हुई, लेकिन मेरी नामी सम्पत्ति पर केस दर्ज कर दिया गया। उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री और उनके छोटे भाई बसन्त सोरेन के बीच घमासान चल रहा है। जिसमें बसन्त सोरेन के बिजनेस पार्टनर योगेंद्र तिवारी को छापे के बाद जेल भेजने की योजना है। बता दें कि मुख्यमंत्री को दुमका की जमीन योगेंद्र तिवारी ने ही दान में दी है।
मामले के एक दिन बीत जाने के बाद भी न योगेंद्र तिवारी मीडिया के सामने आए हैं, ओर न ही बसन्त सोरेन या हेमन्त सोरेन ही सामने आए हैं। दूसरी ओर मिहिजाम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि मामला यूपी से जुड़ा है इससे ज्यादा जानकारी नही है। तो क्या मुख्यमंत्री की अपने भाई के प्रति नफरत इतनी बढ़ गई कि उन्होनें उसके बिजनेस पार्टनर को हिरासत में रख कर बेवजह बदला लिया। जबकि पुलिस हिरासत में योगेंद्र तिवारी से निजी रिश्ते बताकर मिलने पहुंचे जामतारा विधायक इरफान अंसारी ने भी मुख्यमंत्री से कुछ विधायकों के नाराज चलने की भी बात कही।
योगेंद्र तिवारी को पुलिस हिरासत में लिए जाने के पूरे घटनाक्रम
बुधवार को शराब व्यवसाई योगेंद्र तिवारी के लाइसेंसी शराब दुकानों में औचक छापेमारी अभियान पुलिस द्वारा चलाया गया था छापामारी अभियान के दौरान व्यवसाय योगेंद्र तिवारी को मिहिजाम पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर पूछताछ की गई रात करीब 11 बजे तक मिहिजाम थाना में रखा गया इसके बाद उन्हें जामताड़ा थाना ले जाया गया तथा कुछ देर बाद पुलिस हिरासत से छोड़ दिया गया करीब 14 घंटे तक पुलिसिया पूछताछ किन बिंदुओं पर की गई इसका खुलासा पुलिस द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस घटना को लेकर व्यापारी वर्ग में भी तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है आखिर मामला क्या है पुलिस क्यों छुपा रही है सारी बातों को लोग जानना चाह रहे हैं मगर पुलिस की मौन रवैया के कारण पुलिस के कार्यशैली पर भी आवाज उठने लगा है।