NEWSPR डेस्क। बड़ी ख़बर बगहा से है। जहां ग्रामीणों औऱ वन कर्मियों के बीच मारपीट हुई है। दरअसल वन भूमि से अतिक्रमण हटाने गई टीम पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने जबरन उनके दरवाजे से टेम्पू औऱ ट्रैक्टर खींचकर ज़ब्त करने का भी आरोप लगाते हुए वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े किये हैं।
इधर पूर्व में वन विभाग द्वारा ज़ब्त की गई सागवन की प्रतिबंधित लकड़ियां टेंपू पर लादकर कि जा रही वन विभाग की कार्रवाई को लेकर बवाल मचा है। यही वज़ह है कि नाराज़ ग्रामीणों ने मदनपुर रेंज ऑफिस का घेराव कर एकजुटता दिखाने लगे हैं। मामले में वन विभाग प्रशासन की ओर से 3 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है ।
जानकारी के मुताबिक वन क्षेत्र की ज़मीन पर ग्रामीणों द्वारा कब्जा कर जुताई को देखने गई वन विभाग की टीम ने इसे रोकते हुए ट्रैक्टर ज़ब्त किया है। जबकि टेम्पू पर सागवन की लकड़ियों के तस्करी का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। हालांकि ग्रामीणों औऱ यात्रियों ने बताया है कि जबरन टेम्पू सवार लोगों को उतार कर उसे ज़ब्त किया गया है और तो और पहले की ज़ब्त की गईं सीजर नम्बर वाली बेशकीमती लकड़ियों को टेम्पू पर ख़ुद वन कर्मियों ने लाद दिया है जो सरासर गलत औऱ बेबुनियाद बताया गया है।
घटना वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मदनपुर वनक्षेत्र अंतर्गत बेलहवा इलाके की है जब कक्ष संख्या 10 में वन कर्मियों की कार्रवाई से नाराज़ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। इस मामले में मदनपुर रेंज के प्रभारी रेंजर रवि कुमार ने जांच का भरोसा दिलाया है। ग्रामीणों द्वारा वन कर्मियों के पिटाई करने की जानकारी दी गई है तो वहीं इको विकास समिति की टीम व सामाजिक कार्यकर्ता ने भी वन विभाग की कार्रवाई को निराधार बताते हुए उनके स्तर से की गई जांच में मामला मनमानी का करार दिया गया है।
जबकि ख़ुद रेंजर भी इस बात को कबूल कर रहे हैं कि ट्रैक्टर किसान के दरवाजे से लाया गया है और उन्हीं की ज़ुबानी वन कर्मियों के साथ झड़प व मारपीट की गई है तब ज़नाब घटना की जांच का हवाला दे रहे हैं। अब सवाल यह है कि वन क्षेत्र से सटे लोगों को क्या अपनी खेती बाड़ी के लिए उनके ज़मीन पर जाने की मनाही है। यह तो वरीय अधिकारियों के जांच में स्पष्ट हो सकेगा कि दोषी कौन है फ़िलहाल लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया जा रहा है।
बगहा से नुरलैन अंसारी की रिपोर्ट