NEWSPR DESK- DELHI- एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार अब भारत के खिलाफ ड्रैगन दूसरा चला चल रहा है लगातार चीन भारत को परेशान करता हुआ नजर आ रहा है अब इसी बीच खबर सामने आ रही है कि चीन की सेना ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों सरकारी एजेंसियों और कई रक्षा कांट्रेक्टरर्स को निशाना बनाया है.
मिली जानकारी के अनुसार एक साइबर ट्रेडर्स इंटेलिजेंस कंपनी ने गुरुवार को यह सर्वजनिक साझा किया है कि अमेरिका के एक रिपोर्ट में चीन के जासूसी ऑपरेशन के सबूत है इसमें आगे कहा गया है कि चीन का यह अभियान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक वरिष्ठ इकाई से जुड़ा था.
भारत चीन के बढ़ते तनाव के बीच ड्रैगन ने बनाई थी कई रणनीतियां:
इंसिक्ट के एक प्रतिनिधि ने बताया कि ड्रैगन की ओर से खास तौर पर यह गतिविधि भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के समय हुई थी एक अलग ब्लॉग पोस्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि यह निष्कर्ष नेटवर्क ट्राफिक के विश्लेषण हमलावरों द्वारा उपयोग किए गए हैं मालवीय के फुटप्रिंट डोमेन पंजीकरण रिकॉर्ड और संभावित लक्ष्यों से डाटा ट्रांसमिशन करने पर आधारित है बताया जा रहा है कि इन चीनी हमलों में एनटीपीसी के प्लांट भी शामिल थे.
वर्ष 2015 में पीएलए के पुनर्गठन के बाद से ज्यादा घातक तरीके से साइबर हमलों में सक्रिय है। बड़े पैमाने पर स्वचालित नेटवर्क ट्रैफिक विश्लेषक और विशेषज्ञ ‘रिकार्डेड फ्यूचर’ ने अपनी जांच में पाया कि एशियाई देशों की सीमाओं के परे यह साइबर हमले किए जा रहे थे। यह हमले वर्ष 2014 से जारी हैं। रेडफाक्सट्रॉट ने पीएलए की यूनिट 69010 की साठगांठ से भारत के रक्षा, एयरोस्पेस, सरकार, दूरसंचार से लेकर सभी अहम प्रतिष्ठानों पर निशाना लगाया है।