सासाराम,शहर की प्रमुख सड़कों पर जाम की समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल रूप धारण करते जा रही है। वाहन चालकों एवं राहगीरों को सड़क पर चलना दुश्वार हो गया है। सुबह के 10 बजते ही शहर के पोस्ट ऑफिस चौराहा, कचहरी मोड़, धर्मशाला मोड़ एवं गौरक्षणी में जाम का भयानक मंजर दिखने लगता है। सड़कों पर गाड़ियां रेंगने को मजबूर हो जाती हैं। जाम का आलम ऐसा हो जाता है कि लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। पोस्ट ऑफिस चौराहे पर पूरे दिन कमोबेश यही स्थिति बनी रहती है। जिससे स्कूल जाते वक्त एवं छुट्टी के बाद स्कूली बसों के बच्चे भी कई कई घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं। वही पैदल विद्यालय जाने वाले बच्चों को भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके कारण उनके अभिभावक बच्चों के देर से घर आने से चिंतित हो जाते हैं। ऑफिस जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी देर से आने के कारण वरीय अधिकारियों के कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है। बता दें कि सड़क किनारे अतिक्रमण करने वाले दुकानों एवं ठेलों पर भी प्रशासन का कोई असर दिखाई नहीं देता है। ऐसे में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। वाहन चालक एवं राहगीर भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं और टेंपो, रिक्शा एवं सिटी बस चालक भी नियमों की अनदेखी कर कहीं भी सड़क पर गाड़ी खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाने व उतारने लगते हैं। लिहाजा जाम की समस्या लगना स्वाभाविक है। हालांकि यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन द्वारा काफी संख्या में ट्रैफिक पुलिस बल की तैनाती की गई है लेकिन जाम से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। पर्व त्योहारों के मौके पर शहर की मुख्य सड़कों का हाल और भी बुरा हो जाता है। मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस भी आए दिन जाम में फंसते रहते हैं जिससे उनकी जान का खतरा बढ़ जाता है।
बड़ी बात है कि इधर बीते कई दिनों से जिलाधिकारी नवीन कुमार भी शहर में चरमराई यातायात व्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। आवास से अपने कार्यालय के महज 1 किलोमीटर के फासले को भी तय करने में डीएम के वाहन को आधे घंटे से अधिक का समय लग रहा है तथा ट्रैफिक पुलिस एवं उनके अंगरक्षकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था का साफ तौर से अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल डीएम ने जब खुद भीषण जाम का सामना कर लोगों की पीड़ा को अनुभव किया तो बीते शनिवार की रात शहर में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ रखने एवं सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर अचानक जिला मुख्यालय सासाराम की सड़कों पर भी निकले। जहां उन्होंने शहर में जाम की समस्या एवं परिवहन के बेहतर संचालन में आने वाली बाधाओं व जाम वाले प्रमुख स्थलों की जानकारी प्राप्त की तथा संबंधित पदाधिकारीयों को यातायात नियमों के सख्त अनुपालन एवं अतिक्रमण को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए। लेकिन इन सबके बावजूद शहर की सड़कों पर कुछ भी नहीं बदला। सोमवार को भी जिलाधिकारी नवीन कुमार जब अपने आवास से कार्यालय के लिए निकले तो आधे घंटे तक सड़क जाम में फंसे रहे और उनके अंगरक्षकों एवं ट्रैफिक पुलिस को सड़क जाम से निकालने के लिए आगे आना पड़ा।
गौरतलब हो कि आगामी 15 फरवरी से मैट्रिक परीक्षा भी शुरू होने वाले हैं। जिसको लेकर शहर में भारी संख्या में परीक्षार्थियों एवं उनके परिजनों के आने की संभावना है। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में सड़क जाम की समस्या मैट्रिक परीक्षार्थियों के लिए भी मुसीबत खड़ी कर देगी। इसलिए प्रशासन को इसके लिए ठोस एवं सख्त कदम उठाने होंगे। ताकि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को केंद्र पर जाने के लिए सड़क जाम आदि समस्या का सामना न करना पड़े।