औरंगाबाद के जिला योजना पदाधिकारी राजीव रंजन समाहरणालय परिसर स्थित अपने कार्यालय में अचानक तनाव में आ गए और ताबड़तोड़ पेरासिटामोल की नौ गोलियां खा ली।स्थिति बिगड़ते ही उन्हे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां एक घंटे के बाद उनकी तबियत सुधरी।योजना पदाधिकारी आखिर किस कारण पेरासिटामोल की गोलियां खाई।इसका स्पष्ट कारण तो नही पता चल सका।लेकिन मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह जरूर कहा कि वे न तो किसी दबाव में हैं और न ही उनके साथ कोई बात हुई।पता नही उन्हे ऐसा क्या सूझा की ऐसी हरकत कर डाली।लेकिन जिस वक्त योजना पदाधिकारी को सदर अस्पताल लाया गया।उस वक्त जिला प्रशासन ने उन्हे मीडिया से दूर रखा ताकि कोई बात उनसे नही कर सके और जब सारी स्थिति सामान्य हो गई तब उन्हे मीडिया से मुलाकात किया।लेकिन यहां सवाल उठता है कि जो योजना पदाधिकारी काफी सौम्य एवं सुशील विचार के हैं उनके द्वारा आखिर ऐसी हरकत क्यों की जाएगी।अगर उनके साथ कोई घरेलू तनाव थी तो यह हरकत कार्यालय में आते वक्त या फिर घर पर ही कर लेते।परंतु कार्यालय में ऐसा निर्णय लेने का मतलब कही न कही उन्हे किसी अधिकारी की बात कड़वी लगी होगी जिसे वे सहन नही कर सके और काफी तनाव से ग्रसित होकर ऐसे कदम उठाने को मजबूर हुए होंगे।हालांकि इस मामले में समाहरणालय के भी कोई पदाधिकारी या कर्मी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं लेकिन इस मामले के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है।