गया, 13 जनवरी 2024, बिहार के गया का तिलकुट पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है. गया में कई तरह के तिलकुट बनाए जाते हैं, जिसमें चीनी, गुड़ और खोया का तिलकुट प्रमुख है. हालांकि पिछले साल से गया में तिलकुट में एक नया प्रयोग किया जा रहा है. अब नीरा से तिलकुट तैयार किया जा रहा है।
आज समाहरणालय पहुचकर बोधगया के जीविका दीदी के समूह द्वारा नीरा से तैयार किये गए तिलकुल को जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन सम को भेंट दिया। दीदियों ने डीएम को बताया कि हमलोग 30 दीदी साथ मे नीरा से तिलकुल बना रहे हैं। उक्त नीरा तिलकुट में चीनी या गुड़ का बिल्कुल प्रयोग नही किया जाता, केवल नीरा और तिल से ही नीरा तिलकुट बनाया जाता है।
डीएम को बताया कि वर्तमान में नीरा से लिक्विड गुड़ भी तैयार किया जा रहा है, जो पूरी तरह आर्गेनिक है। लोगो को काफी पसंद भी आ रहा है। इसके अलावा नीरा चाय भी इस साल लोगो के तैयार किया जा रहा है। इस वर्ष बौद्ध महोत्सव 2024 में आगत अतिथियों को स्टेज पर नीरा चाय दिया जाएगा।
ज़िला प्रशासन का उद्देश्य है कि नीरा को लोगो बीच बेहतर प्रमोट किया जा सके। नीरा उत्पादन में राज्य में गया ज़िला अव्वल है।
बोध गया प्रखंड क्षेत्र के जीविका दीदी के समूह द्वारा नीरा से तिलकुट बनाने की शुरुआत की है. वह पिछले साल से नीरा से तिलकुट बना रहे हैं. यह तिलकुट स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. कहा जाता है कि नीरा का तिलकुट डायबिटिक पेशेंट भी खा सकते हैं।
नीरा से तिलकुट तैयार करने के लिए सबसे पहले नीरा को गरम किया जाता है. उससे गुड़ तैयार किया जाता है. गुड़ तैयार होने के बाद तिल के साथ मिलाया जाता है. फिर इसे कूटा जाता है. बता दें कि बोधगया के जीविका समूह गया के पहले समूह हैं, जो कि नीरा से तिलकुट के अलावा लाई, पेड़ा और लड्डू भी बनाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले साल उक्त समूह द्वारा नीरा से तैयार लड्डू, पेड़ा, लाई और तिलकुट बनाने का पूरा प्रोसेस देखा था।
नीरा उत्पादन के मामले में गया अव्वल-
गौरतलब है बिहार के माननीय मुख्यमंत्री बिहार ने वर्ष 2016 में पूरे राज्य में शराबबंदी लागू की थी. उसके बाद नीरा को प्रमोट करने के लिए योजना बनाई थी. आज नीरा उत्पादन के मामले में गया जिला पूरे बिहार में सबसे अव्वल है. वर्ष 2023 में गया जिले में लगभग 20 लाख से ऊपर लीटर नीरा का उत्पादन किया गया था. नीरा की बिक्री के लिए गया जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र में 100 से अधिक नीरा काउंटर खोले गए थे।इस अवसर पर डीपीएम जीविका भी मौजूद थे।