तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से कुरियर कंपनी वाला बनकर कर ली 50 लाख रुपए की ठगी

Patna Desk

 

NEWSPR DESK -भागलपुर मेरे पास एक कोरियर कंपनी का फोन आया। उन्होंने बोला कि आपका कुछ सामान अटका हुआ है, एयरपोर्ट पर रोक दिया गया है। इसके लिए अगर आप बात करना चाहते हो, डिटेल जानना चाहते हो तो आपको कनेक्ट करता हूं। और उसने एक नंबर से कनेक्ट किया। उसने अपने को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और उसके बाद उसने बताया कि आपका जो आधार नंबर है। उसको किसी मुस्लिम जो अभी मुंबई में अरेस्ट है। उसके आदमी ने आपका आधार का मिस यूज किया है और फिर मेरे से रिकॉर्डिंग दिखाया और रिकॉर्डिंग में बताया कि आप कहां-कहां गए हो? उसके बाद मैंने कहा मैं कहीं नहीं गई हूं। तो उन्होंने एक कॉल रिकॉर्डिंग सुनाया। उस रिकॉर्डिंग में मैं जहां-जहां गया था उस रिकॉर्डिंग में था। फिर उसने कहा कि होटल या अन्य जगह गए होंगे जहां पर आधार कार्ड यूज किए होंगे। वही से मिस यूज हुआ है। इसी के लिए मुझे क्राइम ब्रांच ने ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। पहले उन्होंने पुलिस के वर्दी में अपना चेहरा दिखाया और बोला मैं ही हूं। एक फॉर्म निकला और फॉर्म के आधार पर पर्सनल डाटा, बैंकिंग डाटा उन्होंने देने को कहा यह कहना है ठगी के शिकार हुए तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के अध्यापिका( प्रोफेसर) निर्मला कुमारी का, 10 जून को एक कोरियर कंपनी का फोन आता है। फोन करने वाला अपना नाम अमित कुमार बताया। वह कोरियर कंपनी का एक कर्मचारी होने की बात कही। इसके बाद अमित ने उसे कथित रूप से मुंबई क्राइम ब्रांच के एक व्यक्ति से संपर्क करवाया। उस व्यक्ति डॉक्टर निर्मला को यह का करके भयभीत करने में सफल रहा कि आपका आधार कार्ड मनी लांड्रिंग केस से जुड़ा हुआ है। इसके बाद उसने बताया कि आपका आधार कार्ड अनाधिकृत रूप से किस-किस जगह पर प्रयोग हुआ है। और उसे ट्रेस किया जा रहा है। फिर उस व्यक्ति ने परिवार, बैंक अकाउंट रकम निवेश की जानकारी ली। उस व्यक्ति ने मोबाइल को बंद न करने की शख्त हिदायत दी थी। वह बोलता रहा कि आपके ऊपर बहुत खतरा है। डॉक्टर निर्मल का कहना है कि उस व्यक्ति ने मोबाइल भी हैक कर लिया था। इसके बाद डॉक्टर निर्मला से दो RTGS फॉर्म भरवा कर एफडी किए गए धनराशि तीन लाख 5000 और 2 लाख 5000 रुपए का स्थानांतरण दो अलग-अलग खातों में करवा लिया।

11 जून तक अपराधियों ने दो किस्तों में रकम की उगाई कर ली थी। इसके बाद भी अपराधियों ने डॉक्टर निर्मला से बातचीत जारी रखा और उनके द्वारा किए गए निवेश की पूरी जानकारी लेकर एसआईपी भुनाने को कहा, डॉक्टर निर्मला ने बताया कि बीच में बैंक में छुट्टी हो गई। अपराधी इस बीच भी संपर्क में रहा। फिर 20 जून को पूरी प्रक्रिया के बाद उन्होंने अपना एसआईपी भुना कर 42 लाख ₹50000 का स्थानांतरण करवाया। उस वक्त कहा गया की पूरी रकम आरबीआई से सत्यापन के बाद आपको भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद अपराधियों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया। जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने मामले की शिकायत अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर किया और शुक्रवार को उन्होंने साइबर थाने में आवेदन देकर प्राथमिक की दर्ज करवाई मीडिया से बातचीत के दौरान पीड़ित अध्यापिका ने बताया कि 10 दिन उन्होंने मनी लांड्रिंग तक भय दिखाता रहा। 24 घंटा वीडियो कॉल पर बने रहे। इधर-उधर जाने पर वह डांटेते थे, खतरा और ग्रुप के लोग आसपास होने की बात करते थे। मैं काफी डरी सहमी थी। घर में कोई नहीं था वीडियो कॉल व्हाट्सएप कॉल के जरिए उन्होंने मुझ पर दबाव बनाया। मनी लॉन्ड्रिंग का हवाला दिया था। मामले को लेकर सिटी एसपी राज ने बताया कि पूरी मामले की छानबीन की जा रही है।

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