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2020 में हुआ था सौदा,फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीच 24,730 हजार करोड़ का सौदा रद्द,भारतीय बाजार की सबसे बड़ी लड़ाई का हुआ अंत

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NEWS PR डेस्क। पिछले दो साल से भी अधिक समय देश की सबसे बड़ी रिटेल ब्रांड बिग बाजार और फ्यूचर ग्रुप के अन्य ब्रांड को खरीदने का सपना मुकेश अंबानी ने त्याग दिया है। रिलायंस ग्रुप ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि फ्यूचर ग्रुप के साथ हुआ सौदा अब रद्द करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के लिए अमेजन के साथ चल रही कानूनी लड़ाई भी अब खत्म होने की बात कही जा रही है। जल्द ही इसको लेकर अमेजन की तरफ से घोषणा होने की संभावना है।

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शुक्रवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने डील के खिलाफ अपनावोटकिया था, जिसके बाद शनिवार को रिलायंस ने इस सौदे से कदम पीछे हटा लिए हैं। फ्यूचर ग्रुप को कर्ज देने वाले क्रेडिटर्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल असेट के बीच 24,730 करोड़ रुपए के सौदे को खारिज कर दिया था। इस बैठक में सरकारी बैंक के एक अधिकारी ने कहा था कि रिलायंस द्वारा रखी गई अरेंजमेंट स्कीम के खिलाफ सभी क्रेडिटर्स ने वोट किया था।
रिलायंस और फ्यूचर के बीच हुए सौदे पर शेयरहोल्डर्स व लेंडर की मंजूरी लेने के लिए फ्यूचर ग्रुप से रिलेटेड कंपनियों ने इस हफ्ते दो अलग-अलग बैठकें कीं। शुक्रवार को बैठक के बाद फ्यूचर ग्रुप ने बताया था कि शेयरधारकों व अनसेफ लेंडर्स ने इस सौदे को मान लिया, लेकिन सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने इस प्लान को खारिज कर दिया है। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सौदे को निरस्त करते हुए कहा कि अब इस सौदे को नहीं किया जा सकता है।

फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त 2020 में रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ 24,713 करोड़ रुपए के विलय समझौते की घोषणा की थी। इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर ग्रुप की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी।
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ। फ्यूचर-रिलायंस डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया था। अमेजन ने कहा था, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चल रहा है।

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