NEWSPR डेस्क। शिक्षा देना यज्ञ करने के समान होता है। शैक्षिक संस्थान समाज के लिए जागरुक नागरिक बनाने की कार्यशाला है। समाज से रावण को समाप्त करने के लिए शिक्षा का प्रसार आवश्यक है। अहंकार से दूर नैतिकता पूर्ण शिक्षा देना ही शैक्षिक संस्थानों का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। शैक्षिक संस्थानों को अकूत सम्पति अर्जित करने का साधन बनाना देश और समाज के लिए अत्यंत घातक है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालन्दा में कुशवाहा सोमरी त्रिलोकी कॉलेज, सलेमपुर-सोहसराय के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार एवं सचिव काबिना मंत्री श्रवण कुमार जाल फरेब कर करोड़ों रुपये का घोटाला कर रहे हैं। उक्त तथ्यों का सनसनीखेज खुलासा नालन्दा विकास मोर्चा के अध्यक्ष व नालन्दा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व बीजेपी प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार उर्फ़ छोटे मुखिया ने आज बिहारशरीफ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया।
छोटे मुखिया ने कॉलेज के सचिव काबीना मंत्री श्रवण कुमार पर जबरदस्त फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार ने अपने राजनीतिक ओहदे का गलत इस्तेमाल करते हुए केएसटी डिग्री कॉलेज में 163 शिक्षाकर्मियों की फर्जी नियुक्ति की है तथा गर्ल्स हॉस्टल के नाम पर UGC के 40 लाख रुपये का गबन किया है। उन्होंने इन आरोपों से सम्बंधित दस्तावेजों को पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए लगाया है।
छोटे मुखिया ने पत्रकारों को बताया कि नालन्दा के जदयू विधायक व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार 20 अक्टूबर 2008 को केएसटी कॉलेज के सचिव बनाये गए हैं, लेकिन उन्होंने दो साल पूर्व की तिथि 27/ 28 मई 2006 को ही अपने हस्ताक्षर से कुल 163 शिक्षाकर्मियों की अवैध नियुक्ति कर दी। इतना ही नहीं, श्री कुमार ने पद का दुरूपयोग कर प्राचार्य डॉ अशोक कुमार व उनके पुत्र संजीत कुमार की सांठ-गाँठ से पहले से नियुक्त 109 शिक्षाकर्मियों की संचिका मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से गायब करवा दी और उन शिक्षाकर्मियों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर दिया है।