NewsPRlive– सीएम नीतीश कुमार की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जेडीयू अधिवेशन में दिए गए भाषण के बाद बिहार की राजनीति में गर्म है।जेडीयू के इस अधिवेशन के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार का मन फिर से डोल रहा है। सीएम नीतीश ने अधिवेशन में कुछ ऐसी बातें कही जिसके बाद से इस तरह के सवाल उठ रहे हैं। इतना हीं नहीं सीएम के भाषण के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर से नीतीश कुमार को लेकर की गई भविष्यवाणी सच होने जा रही है। सोमवार की सुबह जब लोगों के हाथों में अखबार पहुंचे और उन्होंने नीतीश कुमार के भाषण की बातें पढ़ी उसके बाद से आम लोगों के मन में भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने बताया कि वह बीजेपी से क्यों अलग हुए। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की सलाह पर उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया। उन्होंने यह भी कहा कि इन्हीं दोनों नेताओं ने सलाह दी थी कि एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होकर सात दलों की सरकार बनाएं। इस दौरान सीएम नीतीश ने आरोप लगाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ होने के बावजूद उन्होंने जेडीयू को डैमेज करने का काम किया। आरोप लगाया कि बीजेपी बिहार में जेडीयू को पूरी तरह से कमजोर करने के एजेंडे पर काम कर रही थी।
बिहार के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो सीएम नीतीश जब कभी किसी फैसले के लिए पार्टी के किसी दूसरे नेता को जिम्मेवार ठहराते हैं तब वह कोई राजनीतिक दांव चलते हैं। उदाहरण के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही नीतीश कुमार लगातर कहते रहे कि उन्होंने बीजेपी के कहने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी स्वीकार की है। इन बयानों के बाद नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए। इससे पहले 2015 में बने महागठबंधन से 2017 में अलग होकर एनडीए में दोबारा जाने के सवाल पर वह कहते थे कि कैबिनेट के अहम सहयोगी अशोक चौधरी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की सलाह पर उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर दोबारा बीजेपी से गठबंधन करने का फैसला लिया था। अब नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन में जाने के सवाल पर ललन सिंह और बिजेंद्र यादव की सलाह को जिम्मेदार बता रहे हैं। इस वजह से उनके एक बार फिर से पाला बदलने का सवाल उठाया जा रहा है।