NEWSPR डेस्क। बिहार में नीतीश सरकार ने महिलाओं की स्थिति बदली है। महिलाओं की शिक्षा और बेहतर होते हालात का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। ऐसा जदयू प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद डॉ. रणबीर नंदन ने कहा। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की सोच स्पष्ट रही है कि बिना महिलाओं के उत्थान के समाज का सर्वांगीण विकास असंभव है।
इसलिए महिलाओं के लिए हर स्तर पर कार्यक्रम चलाए गए। महिलाओं को शिक्षित करने से लेकर उनके रोजगार, स्वरोजगार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व सभी स्तर पर नीतीश कुमार जी के विशेष प्रयासों के कारण सकारात्मक बदलाव आया है। डॉ. नंदन ने कहा कि बिहार में वर्ष 2015-16 में 26.4 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना अपना बैंक खाता था। जबकि अब 77 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना बैंक खाता है।
वहीं, मोबाइल का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या 40.9 फीसदी से बढ़कर 51.4 फीसदी हो गई है। शहरों में 61.8 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 49.3 फीसदी महिलाएं मोबाइल का इस्तेमाल करती हैं। यह कोई छुपी हुई बात नहीं है, बल्कि यह नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2020 की रिपोर्ट में दिया हुआ है। निशुल्क शिक्षा के साथ पोशाक, साइकिल और दूसरी योजनाओं का सीधा लाभ पड़ रहा है। पहले बेटियों की शिक्षा का दर 49.6 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 57.8 प्रतिशत हो गया है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का ही आंकड़ा है कि 2015 तक 42.5 प्रतिशत बेटियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती थी। जबकि 2020 में यह आंकड़ा 40.8 फीसदी पर आ गया है। महिलाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ने का फायदा यह हुआ है कि वे स्वास्थ्य के प्रति भी वे जागरूक हुई हैं। वे बच्चों के जन्म के लिए अस्पताल को ही सुरक्षित समझ रही हैं। साल 2015-16 में 63.8 प्रतिशत बच्चों का जन्म अस्पताल होता था, अब 76.2 फीसदी बच्चों का जन्म अस्पताल में हो रहा है।