केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले 6 साल में भारत ने खुद को नए सिरे से खोजने की एक तेज यात्रा शुरू की है. आत्मनिर्भर भारत का मतलब दुनिया से जुड़े रहते हुए लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करना है. उन्होंने इंडस्ट्री जगत के कई दिग्गजों ने संवाद किया.
अब आखिर ऐसा क्या हो गया है कि भारत के लिए इस आर्थिक संकट के दौर में भी आत्मनर्भिर बनने का अवसर है? भारत यह लक्ष्य कैसे हासिल कर सकता है? इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव के जम्प स्टार्ट सिरीज में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर प्रकाश डाला. उन्होंने इंडस्ट्री जगत के कई दिग्गजों ने संवाद किया.
इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया. केंद्रीय मंत्री के साथ संवाद करने वाले कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों में कोहलबर्ग क्रेविस रॉबर्ट्स ऐंड कंपनी (KKR) के पार्टनर ऐंड सीईओ संजय नायर, फीडबैंक इन्फ्रा ग्रुप के चेयरमैन विनायक चैटर्जी, जेएसडब्लू के चेयरमैन और एमडी सज्जन जिंदल, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप इंडिया के चेयरमैन जन्मेजय सिन्हा शामिल थे.
भारत आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है, इस सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा, ‘पिछले 6 साल में भारत ने खुद को नए सिरे से खोजने की एक तेज यात्रा शुरू की है. पीएम मोदी ने जो भी प्रोजेक्ट शुरू किए वह अंतिम छोर के आदमी से जुड़ा रहा, जनधन-आधार-मोबाइल की तिकड़ी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में मदद की है. आत्मनिर्भर भारत का मतलब दुनिया से जुड़े रहते हुए लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करना है.’