NEWSPR डेस्क। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के विरुद्ध जाति विशेष के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए सीजेएम कोर्ट के प्रभारी विमलेंद्र कुमार ने मुकदमा को मंजूर करते हुए न्यायिक पदाधिकारी अविनाश कुमार के कोर्ट में भेज दिया है। जहां 10 जनवरी को गवाही की प्रकिया शुरू होगी।
व्यवहार न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता वीरेश पांडेय ने यह मुकदमा किया है। वे लहेरी थाना क्षेत्र के मथुरिया मोहल्ला के निवासी हैं। सूचक के अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि 19 दिसंबर 2021 को परिवार के साथ वे अपने घर पर टेलीविजन देख रहे थे। इसी दौरान समाचार में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का दिया गया भाषण प्रसारित हुआ।
इसमें जाति विशेष के लोगों के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए सनातन धर्म पर कुठाराघात करते हुए बयान दिए। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद से सदमे में आकर अस्वस्थ हो गए हैं। उन्हें यह आशंका है कि इस बयान से धार्मिक हिंदू समाज के प्रति और जाति विशेष के प्रति लोगों में तनाव पैदा हो सकती है। प्रतिष्ठित पद पर रह चुके जनप्रतिनिधि का बयान समाज में विभेद पैदा करने वाला है।
मुकदमें में विजय पांडेय, अमित माधव महाराज व आनंद पांडेय गवाह बने हैं। इसी तरह बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय पटना को स्वत: संज्ञान लेकर इन्हें दंडित करने की बात कही है।
ऋषिकेश संवाददाता नालंदा