पेगासस जासूसी प्रकरण में कांग्रेस ने राज्यपाल फागू चौहान को सौंपा ज्ञापन, गृहमंत्री अमित शाह का मांगा इस्तीफा

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जाँच की मांग की है। इसी के साथ देश के गृह मंत्री के इस्तीफे की भी मांग की है। बिहार कांग्रेस ने राजभवन मार्च करके राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को इससे जुड़ा ज्ञापन सौंपा।राजभवन मार्च का नेतृत्व बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने किया।

ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा कमजोर किया जा रहा है। देश के प्रमुख लोगों के साथ हमारे नेता राहुल गांधी की जासूसी करने वाली यह सरकार बेहद डरी और सहमी हुई है। सत्ता में बने रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलत हथकंडे आजमा रहे हैं। देश को लगातार सच से दूर रखने की प्रधानमंत्री की कोशिशों में पेगासस जासूसी प्रकरण नया प्रतिमान है। केंद्र सरकार का व्यवहार तानाशाहों की भांति जबरन देश के लोगों पर अपना अधिकार जमाने वाला है। पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने वाली यह सरकार करोड़ों रुपये के इस जासूसी सॉफ्टवेयर के लिए खर्च कर सकती है लेकिन देश के नागरिकों के लिए कोरोना जैसी मोदी निर्मित आपदा पर उचित मुआवजा नहीं दे सकती।

कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में प्रधानमंत्री से सवाल किया कि इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारतीय राजनेताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों, नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं सहित 121 प्रमुख भारतीय लोगों के फोन टैपिंग विवाद में केंद्र सरकार की संलिप्तता देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ गंभीर आपराधिक मामला है। आखिर देश के प्रमुख लोगों की जासूसी की जरूरत ही क्या है? इजरायली एनएसओ कम्पनी द्वारा विकसित पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीय सरकार विपक्ष के नेताओं जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और उनके कार्यालय तक का फोन टैप करवाए जाने की बात सामने आई है। देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने वाला यह कुकृत्य है। ये सरकार प्रजातंत्र का चीर हरण कर रही है। साथ ही सरकार, देश के विभिन्न राज्यों में जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करने का चक्रव्यूह रचने में ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है।

महामहिम राष्ट्रपति को राज्यपाल के माध्यम से समर्पित ज्ञापन के माध्यम से बिहार कांग्रेस ने देश के प्रधानमंत्री से छह सवाल किए हैं:
* भारतीय सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों की ताकझांक में विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद लेना गलत कृत्य है या नहीं?
* अप्रैल-मई 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के कार्यालय सहित अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी करवाने वाली इस सरकार की मंशा क्या थी?
* कितने रुपयों से इस सॉफ्टवेयर की खरीद की गई और किसके आदेश से यह खरीद हुई?
* सरकार को जब पता था कि 2019 से जासूसी का कार्य अनवरत चल रहा है तो उसने चुप्पी क्यों साध रखी थी?
* राष्ट्रीय आंतरिक मसलों को विदेश कम्पनी के हाथों गिरवी रखने के एवज में क्या गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
* प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित जासूसी प्रकरण में संलिप्त सभी लोगों की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सम्पूर्ण जांच होनी चाहिए, साथ ही दोषियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए।
देश में ऑक्सीजन खरीद और कोरोना मृतकों के परिजनों को देने के लिए मुआवजा राशि नहीं है, वैसे में इतने महंगे सॉफ्टवेयर की खरीद सरकार कर रही है ये कहाँ तक न्यायसंगत है?
इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सभी राज्यों के राजभवन में माननीय राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन राज्यपाल को शिष्टमंडल ने सौंपा। राजभवन में ज्ञापन सौंपने वाले शिष्टमंडल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा, कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, श्याम सुंदर सिंह धीरज, अशोक कुमार सहित कई नेता मौजूद रहे।

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