प्रधानाचार्य सम्मेलन के दूसरे दिन 12वीं फेल फिल्म की चर्चा करते हुए कहा कि छात्रों को किया गया प्रेरित।

Patna Desk

 

भागलपुर भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में चल रहे पूरनमल शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी में प्रधानाचार्य सम्मेलन के दूसरे दिन का प्रारंभ भागलपुर के वरीय आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार, अखिल भारतीय मंत्री डॉ किशन वीर सिंह , इंडियन बैंक के जौनल मैनेजर साकेत कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, क्षेत्रीय सचिव नकुल कुमार शर्मा, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

वरीय आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि बोर्ड परीक्षा का तनाव न लें।उन्होंने 12वीं फेल फिल्म की चर्चा करते हुए कहा कि छात्रों को प्रेरणा हेतु ऐसी मूवी दिखानी चाहिए। सभी अध्यापकों को बताना चाहिए कि कोई परीक्षा अंतिम नहीं है। स्ट्रेस के कारण हमारे सोचने की क्षमता, कार्य करने की क्षमता का ह्रास होता है, हमारी कैपेसिटी घटती है। इस संबंध में माता-पिता को समझने की अधिक आवश्यकता है। कोई जरूरी नहीं कि अधिक अंक लाने वाले बच्चे अच्छे इंसान ही बनेंगे। अच्छे व्यवहार को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। बच्चों को किसी भी विषय का अनुभव करने की आवश्यकता है। गरीबी में जीने वाले की बस्तियों में ले जाकर बच्चों को गरीबी लाचारी का अनुभव कराने की आवश्यकता है। उपदेश न देकर थोड़ा अभ्यास सारे उपदेशों से बेहतर है। कक्षा कक्ष में बच्चों का ध्यान न भटकने दिया जाए अध्यापक कैसे उन्हें अपनी पढ़ाई में बांधे रखेंगे यही एक बड़ी समस्या है चुनौती है।

अखिल भारतीय मंत्री किशनवीर सिंह शाक्य ने कहा कि प्रधानाचार्य जॉब नहीं कर्म कर रहे हैं। प्रधानाचार्य बहुआयामी प्रतिभा का धनी होता है। प्रधानाचार्य मूलतः आचार्य ही होता है प्रधानाचार्य का मिशन और विजन स्पष्ट होना चाहिए। यह लिखित रहना चाहिए और इसी लक्ष्य के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

साकेत कुमार ने कहा कि सभी बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। बच्चों को उनके अंदर छिपी प्रतिभा को डिस्कस करने को जागरूक किया जाना चाहिए प्रवासी कार्यकर्ता मुंगेर विभाग राजेश कुमार ने ‘परीक्षा पर चर्चा ‘पर अपना विषय रखा। आचार्य अध्यापन एवं मूल्यांकन का कार्य करते हैं। परीक्षा का तनाव दिन प्रतिदिन छात्रों पर बढ़ता चला जा रहा है। प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी ने परीक्षा का तनाव न लेकर इसे एक पर्व के रूप में स्वीकार करने की सलाह दी है। संपूर्ण जीवन एक परीक्षा है अतः इसे हर्षोल्लास एवं पर्व की तरह मनाना चाहिए। प्रतिस्पर्धा के युग में दूसरों से नहीं स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।

मंच संचालन उमाशंकर पोद्दार द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य सम्मेलन में लगाए गए प्रदर्शनी का उद्घाटन वरीय आरक्षी अधीक्षक आनंद कुमार द्वारा किया गया। सैनिक स्कूल गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी के अभिभाविकाओं द्वारा सायं अल्पाहार प्रधानाचार्य सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रधानाचार्य एवं अधिकारी वृंद को कराया गया। साथ ही अभिभाविकाओं का कुटुंब प्रबोधन क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम द्वारा किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य राजकुमार ठाकुर,सचिव अमिताभ चक्रवर्ती के साथ-साथ कई प्रधानाचार्य उपस्थित थे ।

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