NEWSPR डेस्क। सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में डॉक्टर नहीं रहने के कारण एक प्रसूता के पेट में बच्चा मर गया। जिसके बाद प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी। पिर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। अस्पताल उपाधीक्षक ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दरअसल मुंगेर नवटोलिया निवासी विपिन कुमार की पत्नी 18 वर्षीय रानी कुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह 3:00 बजे प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया था।
जिसे डॉक्टर द्वारा स्टिलबर्थ बता दिया गया यानि बच्चे की मौत पेट में ही हो चुकी थी। शनिवार की देर रात ऑक्सीटोसिन सुई देकर प्रसव रूम ले जाया गया। जहां प्रसव कराने वाली नर्स पूनम कुमारी ने बताया कि बच्चे का गर्दन फंस जाने के कारण प्रसव में विलंब हुआ। करीब 3 घंटे के बाद हुए प्रसव के दौरान मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ।
इसके बाद प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी पल्स रेट और बीपी काफी कम हो गया था। मरीज की गंभीर स्थिति और वहां किसी डॉक्टर को उपस्थित नहीं देख परिजन आक्रोशित हो गए और डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। हंगामा की सूचना पर एसएनसीयू में कार्यरत डॉक्टर पंकज प्रसूता वार्ड पहुंचे और मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन परिजन गंभीर स्थिति में मरीज को कहीं बाहर ले जाने के लिए तैयार नहीं थे।
परिजनों का कहना था की ही आईसीयू में रखकर मरीज का इलाज किया जाए। बाहर ले जाने के दौरान मरीज की मौत भी हो सकती है। लेकिन मरीज को रेफर कर डॉक्टर पंकज भी वहां से फरार हो गए। परिजनों का यह भी कहना था की एक बेड पर दो प्रसूता को रखकर अस्पताल में प्रसव कराया जाता है। रात में कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आते हैं। हंगामा के बादपहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर रामप्रवेश ने परिजनों को समझा-बुझाकर महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया।
उपाधीक्षक का कहना था कि आईसीयू वार्ड में बेड खाली नहीं रहने के कारण मरीज को वहां नहीं रखा जा सकता है। जिस कारण मरीज को रेफर किया गया है। उपाधीक्षक ने फरार चिकित्सक डॉ हरेंद्र डॉक्टर पंकज के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा किए जाने की बात कही।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट