प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के नाम पर हमें हमारे पारंपरिक खान- पान से दूर कर दिया गया, लेकिन हमें परंपराओं पर ध्यान देने की है जरूरत।

Patna Desk

 

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री अन्न (मिलेट्स) को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने के प्रयास हो रहे हैं और 2023 को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मना रही है। श्री पटेल नई दिल्ली में एसोचैम द्वारा आयोजित वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

प्रह्लाद सिंह पटेल ने मोटे अनाज को आदर्श भोजन बताते हुये कहा कि दुनिया के एक वर्ग ने एक समय पर इसे गरीबों और पक्षियों का भोजन बताकर दरकिनार कर दिया था, लेकिन आज दुनियाभर में इसे स्वास्थ्य के लिये बेहतर बताया जा रहा है और वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।

प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के नाम पर हमें हमारे पारंपरिक खान- पान से दूर कर दिया गया, लेकिन आज हमें अपने अतीत और परंपराओं पर ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे खान-पान में मक्का, बाजरा जैसे मोटे अनाज और गेहूं, चावल ही शामिल था और इतिहास इसका गवाह है। श्री पटेल ने कहा कि आज उसी खान-पान पर दुनिया ने मुहर लगा दी है और हमें इस पर गर्व होना चाहिये।’

श्री पटेल ने कहा कि आज दुनिया मधुमेह, कॉलेस्ट्रॉल और कई अन्य बीमारियों से जूझ रही है, मोटा अनाज आदर्श भोजन होने के साथ-साथ बीमारियों को भी दूर रखता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ने के बाद देश- दुनिया में वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थों की तरफ लोगों का रूझान बढ़ता जा रहा है।

सम्मेलन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में गति लाने के लिये वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहन देने पर चर्चा की गई और ये स्वीकार किया गया कि इस क्षेत्र में बाजार विकास की व्यापक संभावनायें हैं।

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