फसल कटनी प्रयोग का डीएम ने किया निरीक्षण, कहा- किसान हित में उपज दर का सही आकलन जरूरी।

Patna Desk

 

देश व राज्य की निरंतर बढ़ती जनसंख्या को भोजन मुहैया कराने, कृषि आधारित उद्योगिकरण का सुदृढ़ आधार तैयार करने तथा आर्थिक व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कृषि उत्पादन को बढ़ाना जरूरी है। प्रतिवर्ष फसलों का उपज दर निकाल कर हम पता लगाते हैं कि उत्पादन में वृद्धि हो रही है या कमी। यदि उपज दर में कमी हो रही है तो वे कौन-कौन से कारण है जिसमें सुधार कर वांछित उपज दर प्राप्त किया जा सकता है।

उक्त बातें जिलाधिकारी नवीन कुमार ने शुक्रवार को सासाराम प्रखंड अंतर्गत मुरादाबाद गांव में फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिले के 245 पंचायतों में प्रति पंचायत 5 के दर से फसल कटनी प्रयोग किया जाएगा। जिसे बिहार सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय को भेजा जाएगा तथा वहाँ पंचायतवार उपज दर का आकलन कर विभिन्न वांछित विभागों को उपलब्ध कराया जाता है। जिससे किसानों को बिहार राज्य सहायता फसल योजनान्तर्गत मिलने वाली अनुदान व सहायता राशि का निर्धारण किया जा सके। डीएम ने बताया कि उपज दर का प्रयोग सरकार द्वारा अपनी नितियों को बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। यह तकनीक पूर्णतः वैज्ञानिक है। जिसमें प्लॉटों व खेसरा का चयन रैण्डम किया जाता है। ताकि उपज का सही आकलन हो सके। उन्होंने बताया की फसल कटनी का मोबाइल ऐप के प्रयोग किया जाता है। जिसमें लोकेशन, तिथि एवं फोटोग्राफ अप्रुभ्ड होता है। जिसके कारण प्रयोग ससमय, वैध एवं विश्वसनीय होता है। फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के दौरान किसान विनय कुमार राय सहित जिला सांख्यिकी पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी शशि भूषण एवं प्रयोगकर्ता रमेश कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

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