अजय कुमार
बाढ़ः बाढ़ नगर परिषद कार्यालय भी कोरोना की चपेट में आ गया है। जहां के 4 कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद अगले आदेश तक के लिए कार्यालय को बंद कर दिया गया है।
शहर में भी कोरोना विस्फोट हो चुका है। 100 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। एहतियातन नगर प्रशासन द्वारा शहर के कई हिस्सों को सील करने का आदेश दे दिए गए हैं। जिसमें सदर बाजार के गणेश मार्केट से लेकर गोपी मंदिर तक, स्टेशन बाजार, स्टेशन चौक, पोस्ट ऑफिस गली, भवानी चौक- वाजिदपुर को पूरी तरह सील करने की तैयारी चल रही है। संभवत: इसके बाद भी मटरगश्ती करने वालों में कमी नहीं आई ,तो बाढ़ शहर को कंटेनमेंट जोन भी घोषित किया जा सकता है।
प्रशासनिक ढील से बढ़ रहा संक्रमण
आखिर बाढ़ में ‘कोरोना’ का इतना भयानक संक्रमण क्यों? यदि इस सवाल का जवाब ढूंढगें , तो सीधे-सीधे पता चलेगा की प्रशासनिक ढ़ील, और आमजनों की ‘ढिठई’ ने सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन को तार-तार कर के रख दिया। और कोरोना संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि हो गई। इतना बड़ा संक्रमण होने के बावजूद भी ना तो संक्रमित मोहल्ले को अब तक सेनीटाइज किया गया है, और ना ही जलजमाव से मुक्ति के लिए कोई कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। सच तो यह है कि कोरोना काल में बाढ़ नगर परिषद की लापरवाही पर पर्दा ही नहीं ‘तिरपाल’ रख दिया गया है।