बाढ़ से नहीं कटाव से डर लगता है साहब, नाही खाने को कुछ है और ना ही रहने को छत।

Patna Desk

 

भागलपुर के नवगछिया अनुमण्डल अंतर्गत खरीक प्रखंड के मैरचा गाँव में कोसी नदी भीषण कहर बरपा रही है जिससे दर्जनों मकान नजरों के सामने देखते ही देखते कोसी नदी में समाते जा रहे हैं। झोपड़ी और कच्चे मकान के साथ-साथ पक्का मकान भी कोसी नदी की तेज धार में विलीन होते जा रही है ।एवीपी के कैमरे ने एक ऐसी लाइव तस्वीर कैद की है जिसे देखकर आपकी रूह कांप उठाएंगे, तस्वीर इतनी भयावह है की लोग काफी डरे सहमे हुए हैं। बीते तीन दिनों से लगातार भीषण कटाव हो रहा है। एक तरफ जहां कोसी नदी का जलस्तर जहां घटता जा रहा है वहीं दूसरी ओर कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि देखते ही देखते पिछले दो दिनों में 15 लोगों के घर नदी में समा गए। वहीं 15 लोगों के घर कोसी नदी के मुहाने पर हैं, जो कभी भी कटाव की भेंट चढ़ सकते हैं।

कटाव की रफ्तार देख खुद अपने आशियाने को तोड़ रहे हैं वहां के ग्रामीण

कटाव की तेज रफ्तार को देखते हुए कोसी नदी किनारे बसे लोग अपने खून-पसीने की कमाई से बनाए गए घर को खुद तोड़ रहे हैं साथ ही घर में रखे सारे सामान के साथ पलायन की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर चले भी गए हैं।कटाव पीड़ित रंजीत शाह ने कहा तीन दिन से भयंकर कटाव की स्थिति है, आज अभी तक 5 घर कोसी नदी के आगोश में समा चुके है। पांच से छह दिन में लगभग 15 घर गिर चुके है। स्थिति बहुत खराब है। 10 साल तक खेतीबाड़ी , मजदूरी करके 2017 में 10 लख रुपए खर्च करके घर बनाए थे, घर का पूजा पाठ भी नही हुआ था अभी तक और घर कोसी में समा गया।

कटाव पीड़ित अरविंद कुमार ने कहा की स्थिति काफी खराब है। रात से ज्यादा कटाव हो रहा है। 2 बजे रात से कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। अभी ईट तोड़ रहे है। अपने ही आशियाने और अपने ही गांव छोड़ कर जान बचाने के लिए कहीं और जाकर रहना पड़ रहा है कटाव पीड़ित पेकन साह ने कहा की गांव की स्थिति बहुत गम्भीर है। हमलोग कहां रहेंगे इसका कोई ठिकाना नही है। अपने ही आशियाने का ईट जो तोड़ रहे है वो सड़क के किनारे रखेंगे और प्लास्टिक टैंकर किसी तरह जीवन यापन करेंगे लेकिन हम लोग क्या कहेंगे और पशुओं को क्या खिलाएंगे कुछ भी ठिकाना नहीं,हमलोग कटाव से बहुत मजबूर हो गए है।अभी कटाव भयंकर है।

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