महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शनिवार को जिले के सभी शिवालयों में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान शिवालय हर हर महादेव व बम बम भोले के नारों से गूंज उठा। सुबह से हीं शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गई तथा शाम तक श्रद्धालु अपने आराध्य की पूजा-अर्चना में जुटे रहे। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु बेलपत्र, भांग-धतूरा और कनेर के फूलों से भगवान शिव की उपासना करते हैं। इसमें यज्ञोपवीत दही, दूध, शहद व नारियल भगवान शिव को अर्पण करने का विधान है। भगवान शिव को जलाभिषेक करने से भगवान की कृपा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है। भगवान शिव की पूजा में पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, आम्र मंजरी, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन एवं शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री की आवश्यकता होती है।
जिसके साथ भक्त पूजा अर्चना करते हुए मनवांछित फल की प्राप्ति का कामना करते हैं। गौरतलब हो कि शनिवार की सुबह से हीं जिले के सभी शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा जगह जगह पुलिस बल की तैनाती की गई। साथ हीं महाशिवरात्रि के अवसर पर निकलने वाली शोभायात्रा को लेकर प्रशासन द्वारा दंडाधिकारी भी नियुक्त किए गए थे तथा एंबुलेंस, डायल 112, अग्निशमन वाहन, मेडिकल टीम आदि को अलर्ट पर रखा गया था।