बिहार के इस स्कूल में तीन कमरों में पढ़ते 400 से अधिक छात्र, विद्यालय जर्जर होने के कारण कई कक्षाओं को किया गया एक साथ शिफ्ट

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार में सरकार एक और लगातार बेहतर शिक्षा को ले दावे कर रही है। पर जमीनी स्तर पर अभी सरकार को और काम करने की आवश्यकता है। ऐसा ही एक विधालय प्राथमिक विद्यालय गोगाचक में मात्र तीन कमरों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 400 से अधिक है। एसे में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की दावे धाराशाही होते दिख रहे हैं।

तारापुर प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय गोगाचक में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य भगवान भरोसे है। गांव का विद्यालय जर्जर होने के कारण इसे नजदीक के मध्य विद्यालय तारापुर टू में शिफ्ट किया गया है। मध्य विद्यालय तारापुर टू में पहले से ही छात्र अनुपात में अध्ययन कक्ष उपलब्ध नहीं है। मात्र तीन कमरों में चार सौ से ज्यादा बच्चों का भविष्य तरासा जा रहा है।

प्रतिदिन 70 प्रतिशत औसतन बच्चे विद्यालय आते हैं। बैठने के लिए फर्नीचर टूटे पड़े हैं। बच्चे जमीन में बैठकर पढ़ाई करते हैं। गोगाचक गांव के बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों के पढ़ाई की चिंता सताती है। गांव से विद्यालय तक तिलड़िहा मंदिर मार्ग होने के कारण व्यस्ततम और खासकर मंगलवार को भीड़ भाड़ वाला होता है। अक्सर बच्चे जख्मी होते हैं। कुछ ग्रामीण अपने बच्चों को देखने विद्यालय आये तो स्थिति को देख निराश हुए। बच्चे रेलिंग पर खेल रहे थे और कुछ प्रांगण में बैठे थे। ग्रामीणों का कहना है कि कोई उन्हें देखने वाला नही है। बच्चों ने बताया की तीन करने होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।

कई कक्चाओंका पढ़ाई एक रूम में होने के कारण उन्हें कुछ समझ नही आता है

वहीं इस विधालय में पढ़ाने वाले अभिवावकों का कहना है की  गांव के विद्यालय के बच्चे को मध्य विद्यालय तारापुर टू में शिफ्ट किया गया है। इस विद्यालय में बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला पदाधिकारी से भी हम लोगों ने चिंता व्यक्त किया है। आज हम लोग बच्चों के हालात को देखने के लिए विद्यालय आए। बच्चे प्रांगण में बैठते हैं और रेलिंग पर खेलते हैं। शिक्षक उनकी निगरानी करने में असमर्थ हैं।

अभिभावक में बच्चों के प्रति असुरक्षा का अभाव बना हुआ है।बच्चों के हित में अति शीघ्र गोगाचक विद्यालय के नए भवन का निर्माण किया जाना चाहिए। ग्रामीण वीरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम लोग अपने बच्चे के गांव से समायोजित विद्यालय तक आने के मार्ग में उनकी सुरक्षा के प्रति चिंतित रहते हैं  बच्चे की पढ़ाई नहीं हो पाती है। आने जाने में दुर्घटना अक्सर होता है। हमलोग चाहते हैं कि बच्चे सुरक्षित रहें और उनकी पढ़ाई हो।

प्रभारी प्रधानाध्यापक निरंजन कुमार सिंह ने कहा कि 395 बच्चे मध्य विद्यालय तारापुर टू में हैं। प्राथमिक विद्यालय गोगाचक के बच्चों को भी पहले ही समायोजित किया गया है। बच्चों को बैठने के लिए डेस्क बेंच पहले से ही टूटा पड़ा है। जो अलग कमरे में रखे हुए हैं। जिसकी मरम्मत के लिए कोई फंड नहीं है। तीन कमरा ही बच्चों को पढ़ने के लिए उपलब्ध है। कमरा के अलावे बरामदा का उपयोग किया जाता है। तीन अन्य कमरा जर्जर है जिसे भंडार घर बनाया गया है। बच्चों को दरी पर बिठाया जाता है। विद्यालय में कुल 9 शिक्षक हैं। उपलब्ध संसाधन में बच्चों की पढ़ाई और एमडीएम का संचालन बेहतर करा रहे हैं।

मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट

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